उदयपुर। व्यापार कर कार्यालय जयपुर हाउस आगरा के जी.एस.टी. अधिकारियों द्वारा उत्तर प्रदेश से गुजरने वाले मार्बल व ग्रेनाइट वाहनों को अनावश्यक रोककर परेशान करने व मनमाने तरीके से शास्ति वसूलने को रुकवाकर राहत प्रदान करने को लेकर उदयपुर मार्बल एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
एसोसिएशन अध्यक्ष पंकज गंगावत ने बताया कि प्रधानमंत्री ने देश को सशक्त राष्ट्र बनाने के लिए एक राष्ट्र एक कर(जी.एस.टी.) का नया विधान बनाया था जिसे देश की जनता ने सहर्ष स्वीकार किया है। नये जी.एस.टी. कानून में किसी भी सरकारी विभाग द्वारा व्यवसायी को किसी भी तरह परेशान नहीं करने की विशिष्ट व्यवस्थायें की गई है। परन्तु जी.एस.टी. अधिनियम की मूल भावनाओं को दरकिनार करते हुए आगरा में पदस्थापित जी.एस.टी. अधिकारी उदयपुर (राजस्थान) से जाने वाले मार्बल एवं ग्रेनाइट वाहनों को रोककर अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है। माल के साथ समस्त विधिक दस्तावेज यथा ई-वे बिल, इनवाइस, बिल्टी आदि होते है। बिलों में पत्थरों की नाप एवं दर जी.एस.टी. नियमों के अनुसार ही दर्ज होती है। मार्बल एवं ग्रेनाइट स्लेब्स प्राकृतिक उत्पाद हैं इनमें एकरूपता सम्भव नहीं है तथा इसके स्वरूप एवं गुणों को बदला नहीं जा सकता है। आगरा पदस्थापित अधिकारी बिना किसी ठोस आधार के उदयपुर (राजस्थान) से उत्तरी-पूर्वी राज्यों को जाने वाले मार्बल एवं ग्रेनाइट के वाहनों को रोककर अनुचित कार्रवाही कर रहे हैं।
आगरा में पदस्थापित जी.एस.टी. अधिकारी क्रेता/विक्रेता एवं माल के सत्यापन हो जाने के बाद भी किसी न किसी प्रकार से वाहनों को निरूद्ध (क्मजंपदमक) कर लेते हैं तथा उसके बाद अशिक्षित वाहन चालक को परेशान किया जाने लगता है। यह तो निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि वाहन चालक कानून एवं कानून की बारीकियों से अनभिज्ञ होता है। वाहन रूकने के बाद वह तनावग्रस्त हो जाता है तथा माल को भेजने एवं पाने वालों से सम्पर्क करता है। इस वक्त दोनों ही मालिक (प्रेषक/प्रेषिति) सैंकड़ों किलोमीटर दूरी पर होते है लेकिन जी.एस.टी. अधिकारी न्याय को ताक में रखकर एक पक्षीय कार्यवाही वाहन प्रभारी जो कि वाहन चालक होता है के नाम से सम्पादित कर देते है। अपना पक्ष रखने के संवैधानिक एवं विधिक अधिकार से क्रेता/विक्रेता जो कि माल के असली एवं स्वाभाविक मालिक हैं, वंचित कर दिये जाते है। जिससे हमारे यहाँ के उद्यमी चिंतित एवं परेशान है। अगर यही क्रम जारी रहा तो उदयपुर का यह विश्वप्रसिद्ध व्यवसाय बंद हो जायेगा। उदयपुर मार्बल एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि उत्तरप्रदेश में जी.एस.टी. कानून के दुरूपयोग को रूकवाने की महत्ती भूमिका निभोनं का कष्ट करे।
उदयपुर मार्बल एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश से गुजरने वाले मार्बल व ग्रेनाइट वाहनों को अनावश्यक रोककर परेशान करने एव मनमाने तरीके से शास्ति वसूलने को लेकर मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
 
    
 
                                 
                                 
                                 
                                 
                                