लम्पी से निपटने के हर वर्ग की सक्रिय भागीदारी जरूरी-कलक्टर मीणा
उदयपुर, 10 सितंबर। लंपी से गौवंश को बचाने के लिए उदयपुर प्रशासन लगातार प्रयासरत हैं। जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने शनिवार को वीसी के जरिए जिले के समस्त उपखण्ड एवं विकास अधिकारी व स्थानीय जनप्रतिनिधियों की बैठक ली और जिले में लम्पी संक्रमण की रोकथाम व बचाव को लेकर चर्चा की।
जिला कलेक्टर ने कहा लंपी से गोवंश को बचाने के लिए हर वर्ग को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि कोविड से निपटने के लिए उदयपुर वासियों ने जो एकजुटता का परिचय देते हुए जो सराहनीय प्रबंधन किया, वहीं प्रबंधन लम्पी से निपटने के लिए भी करने की आवश्यकता है। कलेक्टर ने कहा कि हमारी संस्कृति में गौमाता का विशेष महत्व है और इस गंभीर बीमारी से गौवंश को बचाना पुनीत व सेवा का कार्य है। इसमें सभी को सक्रिय भागीदारी निभानी होगी।
बचाव ही उपचार है
कलेक्टर ने कहा कि बचाव ही उपचार है। उन्होंने हर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर अस्थाई आइसोलेशन सेंटर बनाने के निर्देश दिए ताकि असंक्रमित पशुओं को स्वस्थ पशुओं से दूर रखा जा सके। उन्होंने पशुपालन विभाग के ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि लम्पी रोग के संबंध में जो भ्रांतियां व अफवाहे चल रही है उस पर अंकुश लगाने के लिए ग्रामीणों को जागरूक करें। उन्होंने पशुओं के लिए जारी टीकाकरण कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के दिए निर्देश दिए।
प्रबुद्धजनों का सहयोग अपेक्षित
कलक्टर ने कहा कि गोवंश को इस रोग से बचाने के लिए प्रशासन एवं विभाग की ओर से सतत प्रभावी प्रयास किए जा रहे है, लेकिन इससे गंभीर बीमारी से निपटने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों व भामाशाह का सहयोग भी अपेक्षित है। कलक्टर ने पशुपालन विभाग द्वारा मुहैया करवाए जा रहे बेहतर उपचार के साथ आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति का उपयोग करने और पशुपालकों को इस संबंध में जागरूक करने के निर्देश दिये। कलक्टर ने मृत पशुओं को उठाने एवं चयनित स्थल पर पहुंचाने की व्यवस्था बेहतर बनाने को कहा।
अतिरिक्त निदेशक डॉ. भूपेन्द्र भारद्वाज ने विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में सभी को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार एवं जिला कलक्टर के निर्देशन में विभाग गोवंश की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने संक्रमण को रोकने के लिए विभिन्न उपाय बताएं और सावधानी बरतने को कहा। डॉ. भारद्वाज ने कहा कि यह रोग मच्छर, मक्खियो एवं चिंचड़ो के द्वारा फैलता है अतः इसके उन्मूलन के लिए कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करना नितांत आवश्यक है। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ओ.पी.बुनकर, जिला परिषद के एसीईओ विनय पाठक, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक सूर्यप्रकाश त्रिवेदी आदि उपस्थित थे। इस दौरान सेव द गर्ल चाइल्ड ब्रांड एम्बेसडर डॉ. दिव्यानी कटारा ने भी आवश्यक सुझाव दिए। बैठक में डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी एवं डॉ. शक्ति सिंह ने भी पीपीटी द्वारा इस रोग की विस्तृत जानकारी, रोकथाम के उपाय आदि के बारे मे बताया। बैठक में वीसी से जुड़े ब्लॉक स्तरीय जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने अपनी आवश्यकताओं के बारे में बताते हुए महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
तेजी से हो रहा टीकाकरण
डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी ने बताया कि उदयपुर संभाग मे टीकाकरण कार्यक्रम मे तेजी आई है। अब तक संभाग में 238486 पशुओं मे इस रोग के बचाव का टीका लगाया जा चुका है। विभाग द्वारा जिन क्षेत्रों में यह रोग नहीं है, वहां तेजी से टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। उदयपुर जिले में अब तक 39785, चित्तौड़गढ़ जिले में 63871, डुंगरपुर जिले मे 8800, बांसवाड़ा जिले में 60000, राजसमंद जिले में 4762 प्रतापगढ़ जिले में 61268 पशुओं को इस रोग से बचाव के टीके लगाए जा चुके हैं। अब तक उदयपुर संभाग में 15400 संक्रमित पशु उपचार पश्चात् स्वस्थ हो चुके है।
मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की दी जानकारी
बैठक के दौरान जिला कलक्टर ताराचंद मीणा के निर्देशानुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शंकरलाल बामनिया ने वीसी से जुड़े ब्लॉक स्तरीय जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना की विस्तार से जानकारी दी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना व मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षा योजना के बारे में भी अवगत कराया। उन्होंने योजना की पात्रता, पंजीकरण की प्रक्रिया, योजनान्तर्गत लाभ लेने की प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज, योजना की प्रगति आदि की जानकारी दी। जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को इन योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने एवं मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को इनका लाभ प्रदान करने के निर्देश दिए।
लम्पी स्किन डिजीज: कलक्टर ने वीसी के जरिए ली बैठक
