आयड़ तीर्थ में तीर्थ परिसर में बना पंछी घर का उद्घाटन आज
– महा मांगलिक स्लोग श्रवण का कार्यक्रम
उदयपुर 16 अगस्त। श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के तत्वावधान में तपागच्छ की उद्गम स्थली आयड़ तीर्थ पर बरखेड़ा तीर्थ द्वारिका शासन दीपिका महत्ता गुरू माता सुमंगलाश्री की शिष्या साध्वी प्रफुल्लप्रभाश्री एवं वैराग्य पूर्णाश्री आदि साध्वियों के सानिध्य में बुधवार को विशेष आयोजन हुए। महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि आयड़ तीर्थ के आत्म वल्लभ सभागार में सुबह 7 बजे दोनों साध्वियों के सानिध्य में अष्ट प्रकार की पूजा-अर्चना की गई। गुरुवार को पूज्य साध्वीजी की निश्रा में संक्राती के रूप में महा मांगलिक स्लोग श्रवण का कार्यक्रम रहेगा। अधिक से अधिक जैन बन्धुओं को कार्यक्रम में आने का आव्हान किया है। उन्होने बताया कि आयड़ तीर्थ में तीर्थ परिसर में बना पंछी घर का उद्घाटन गुरुवार को किया जाएगा। चातुर्मास संयोजक अशोक जैन ने बताया कि प्रवचनों की श्रृंखला में प्रात: 9.15 बजे साध्वी प्रफुल्लप्रभाश्री व वैराग्यपूर्णा ने बताया कि आज के वर्तमान युग इस युग में गेहूँ की और घी की, दूध की और चावल की कपड़े की और सोने की कीमत में होने वाला परिवर्तन वर्तमान जगत के लिए चिंता नहीं है। परन्तु इस भौतिकवादी युग में नैतिकता और पवित्रता सदाचार और संस्कार, सद्व्यवहार और सबर्तन इन सभी मूल्यों के क्षेत्र में आज जो परिवर्तन हुआ है वह वास्तव में शिष्ट जगत के लिए संस्कारित व्यक्ति के लिए अत्यंत चिंतास्पद है। भाग्यवानों! ज्ञानियों के वचन है जिसयुग में व्यक्ति की दृष्टि जब विकृत हो जाती है तब उस समाज में विकृति, संस्कृति के रूप में स्वीकार्य होने लगती है।। हमें संस्कारों को कायम रखना है। स्थगित रखना है। सुहृद रखना है, संस्कारों का परिवर्तन नही करना है। आयड़ जैन तीर्थ पर प्रतिदिन सुबह 9.15 बजे से चातुर्मासिक प्रवचनों की श्रृंखला में धर्म ज्ञान गंगा अनवरत बह रही है।
संस्कारों में हुआ है परिवर्तन : साध्वी वैराग्यपूर्णाश्री
