उदयपुर. पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए, पूजा राठौड़ ने स्टूडीओ. द सोईल के माध्यम से प्रकृति को शहरों में, हमारे घरों में, दफ़्तरों में लाने का एक छोटा सा प्रयास किया है।
ये कलाकृतियाँ पूरी तरह से ईको- फ्रेंड्ली हे किसी भी प्रकार के केमिकल पैंट्स का इस्तेमाल नहीं किया गया हे । इन कलक्रत्तियो को बनाने में मिट्टी, हल्दी, कलि, लकड़ी का बुरादा, मुलतानी मिट्टी, सुखी फूल पत्तियाँ जैसी कई प्राकर्तिक तत्वों का इस्तेमाल किया गया है। इस उम्मीद से की जब भी कोई इन कलकतियो को देखे उसे अपने प्रकृति में बिताए समय की याद आए ।
यह एक छोटा सा प्रयास है ,शहरों में फिर से प्रकृति की छवियों को जाग्रत करने का । यह कला को सस्टेनएबल और प्राकृतिक बनाने का एक प्रयास किया गया है । आशा है आप सभी को किसी ना किसी कलाकृति में अपने बचपन में मिट्टी में बनाए घर, या दोस्तों के साथ पहाड़ों में बिताए समय की झलकी दीखे ।