उदयपुर,06 अप्रेल(ब्यूरो): मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के 327 संविदा कर्मी शनिवार को काम पर लौट आए। इन सभी कर्मचारियों की राज्य सरकार के आदेश के बाद सेल्फ फाइनेंस बोर्ड के तहत सेवा समाप्त कर दी गई थी। बाद में उनकी सेवा और वेतन बढ़ाए जाने के नए आदेश जारी कर दिए गए थे। अचानक एक साथ इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों की सेवा अचानक खत्म किए जाने से विश्वविद्यालय की परीक्षाओं के अलावा अन्य आवश्यक काम ठप पड़ गया था। इन कर्मचारियों में कुछ ऐसे थे, जो दो या दो दशक से अधिक समय से विश्वविद्यालय में सेवा देते आ रहे थे।
अब शनिवार को काम पर लौटने के बाद उनके चेहरों पर खुशी दिखाई दी। उनके काम पर लौटने के साथ विश्वविद्यालय के ठप पड़े कार्य फिर से सुचारू रूप से शुरू हो गए।
25-30 साल से काम कर रहे थे, अचानक सेवा कर दी थी समाप्त
सुखाड़िया विश्वविद्यालय में काम करने वाले 327 संविदा कर्मियों की सेवा राज्य सरकार के आदेश के बाद अचानक बंद कर दी थी। इनमें से कई तो 25—30 सालों से काम कर रहे थे। जब उन्हें सेवा समाप्ति का पता चला तो वह दंग रहे गए। उनका कहना था कि अचानक सेवा समाप्त करने से उनके परिवार के सामने संकट की स्थिति पैदा हो गई। जिसको लेकर उन्होंने उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन के समक्ष अपनी बात रखी और राज्य सरकार के निर्णय के खिलाफ विश्वविद्यालय में धरना भी दिया। विधायक जैन ने इस संबंध में राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र और उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा को कर्मचारियों की समस्या से अवगत कराया। उसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से भी बात की थी।