उदयपुर 20 अप्रेल /श्रीमहालक्ष्मी मन्दिर आश्रम लकड़वास के महंत श्री 1008 श्री श्री किशोरदास जी महाराज के सानिध्य में चैत्र प्रतिपदा एकम से विजयादशमी तक आयोजित 10 दिवसीय याज्ञनिक अनुष्ठान का समापन हुआ। एडवोकेट उदय सिंह देवड़ा ने बताया कि दस दिनों तक देश के विभिन कोनों से आये संतों एवं महात्माओं का समागम हुआ, जिसमें नवचण्डी महायज्ञ, नवग्रह महायज्ञ, हवनात्मक सुन्दरकाण्ड पाठ की पूर्णाहुति दी गई जिसमें दूर दूर से आये हुए भक्तों ने इस अवसर का लाभ लिया। अनुष्ठान में विभिन्न आश्रम और मठांे से पधारे हुए दंडी स्वामी एवं मठाधीशों ने धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए सनातन धर्म एवं आज की नई पीढ़ी को इसका ज्यादा से ज्यादा कैसे ज्ञान हो पर चर्चा की गई। इस अवसर पर ॐ आश्रम वाना , दक्षिण भारत आश्रम केरेल , गोपाल आश्रम मारवाड़ , वृन्दावन आश्रम, उत्तर प्रदेश के दंडी स्वामी जी महाराज, मेवाड़ धूणी माता सन्त अध्यक्ष श्री चेतनानंद गिरी जी महाराज आदि धर्म गुरुओं का प्रवचन सुनने को सैंकड़ों भक्त उपस्थित रहे। इस अवसर पर डॉ. नूतन राखेचा, प. प्रवीण व्यास, कल्याण वैष्णव, सत्यनारायण मेनारिया, ओम प्रकाश व्यास, हरीश व्यास, जय राखेचा, विशाल, नवीन नलवाया, आकाश प्रजापत,महाकाल उज्जैन के आचार्य, सोनू वैष्णव आदि उपस्थित रहे। योगाचार्य एडवोकेट उदयसिंह देवड़ा ने बताया कि 10 दिवसीय आयोजन में अन्तिम दिन विभिन्न महायज्ञ अनुष्ठान की पूर्णाहुति के साथ संत महा धर्मसभा का आयोजन हुआ जिसमें भारत वर्ष के बड़े बड़े सन्तों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ।
10 दिवसीय दिव्य याज्ञनिक अनुष्ठान का हुआ समापन
