सामुदायिक वनाधिकार विशेष अभियान
उदयपुर 16 मार्च। राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिले में चल रहे सामुदायिक वनाधिकार विशेष अभियान-2023 को सफल बनाने में पूरा प्रशासनिक अमला जुट गया है। गुरुवार को संभागीय आयुक्त एवं टीएडी आयुक्त राजेंद्र भट्ट ने सामुदायिक वनाधिकार विशेष अभियान-2023 के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर कलेक्ट्रेट सभागार में जिलेभर के अधिकारियों की बैठक ली और इसे सफल बनाने के लिए सभी को प्रतिबद्ध होकर कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
बैठक में कलक्टर ताराचंद मीणा, सीसीएफ आर के सिंह, सीसीएफ आर के खैरवा, जिला परिषद सीईओ मयंक मनीष, एसडीओ सलोनी खेमका, एडीएम प्रशासन ओपी बुनकर, उप वन संरक्षक मुकेश सैनी, सुपांग शशि, व अजय चित्तौड़ा, टीएडी उपायुक्त पर्वत सिंह चुण्डावत, उपनिदेशक जितेंद्र पंड्या सहित सेवा मंदिर संस्था के पदाधिकारी उपस्थित रहे। इसके साथ ही सभी उपखण्ड अधिकारी वीसी के माध्यम से बैठक से कनेक्ट हुए। इस दौरान पीपीटी के माध्यम से टीएडी उपायुक्त पर्वतसिंह चुंडावत ने सामुदायिक वनाधिकार विशेष अभियान के तहत की जाने वाली गतिविधियों के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया।
गांवों में अभियान का करें व्यापक प्रचार-प्रसार
सम्भागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट ने कहा कि सामुदायिक वानाधिकार अभियान तब ही सफल होगा जब हम गाँव-गाँव इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करेंगे। उन्होंने कहा कि तय समय सीमा में अधिकाधिक लोगों तक पहुँच कर आवेदन लेना जरूरी है। हो सकता है कई व्यक्ति समय पर अभियान की जानकारी नहीं होने से हमारे पास न आ पाएं। ऐसे में हमारा कर्तव्य है कि हम आवेदन आने का इंतजार नहीं करें और हमारी टीम खुद आवेदकों के पास जाकर आवेदन तैयार करे। उन्होंने कहा कि सामुदायिक वनाधिकार का हक मिलना चाहिए और हम सभी को मिल जुल कर इस अभियान को सफल बनाना है।
सभी एसडीओ ने कराया प्रगति से अवगत
वीसी के दौरान सभी उपखण्डों के एसडीओ द्वारा उनके ब्लॉक की प्रगति से अवगत कराया तथा सामुदायिक वनाधिकार धारा 3(1) एवं 3(2) के तहत तैयार आवेदनों की जानकारी दी। वीसी मंे संभागीय आयुक्त को सभी एसडीओ ने बताया कि अब तक जिले मंे 188 शिविर कर चुके हैं एवं शेष शिविर भी शीघ्र आयोजित कर लिए जाएंगे। संभागीय आयुक्त ने भी ऐसे गांवों में पहले शिविर करने की बात कही जहां वनभूमि अधिक हो। कलक्टर मीणा ने सभी एसडीओ को वन क्षेत्र के गांवों की लिस्ट अद्यतन करने के भी निर्देश दिए।
यह रहेगा अभियान का कार्यक्रम
सामुदायिक वनाधिकार विशेष अभियान-2023 के तहत 31 मार्च तक ग्रामवार विशेष शिविर आयोजित कर सामुदायिक दावा तैयार करना करने का कार्य होगा तथा ग्राम सभा आयोजित कर प्राप्त दावों पर उचित निर्णय करना होगा। अप्रैल से मई तक उपखण्ड स्तरीय समिति की बैठक प्रथम एवं तृतीय सप्ताह में आयोजित कर उचित निर्णय लेने होंगे तथा जिला स्तरीय समिति की बैठक द्वितीय एवं चतुर्थ सप्ताह में आयोजित होगी। जून में सामुदायिक वनाधिकार हक पत्रों का वितरण किया जाएगा। संभागीय आयुक्त ने समय पर नियमानुसार पात्र लोगों के अधिकाधिक सामुदायिक दावे तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
दावा प्रारूप तैयार करने की प्रक्रिया समझाई
सामुदायिक वनाधिकार दावा प्रारूप तैयार करने की प्रक्रिया टीएडी उपायुक्त ने विस्तार से समझाई। उन्होंने बताया कि सर्वप्रथम ग्रामवासियों के सहयोग से कुलक में निर्धारित दावा प्रारूप में आवेदन प्रत्र तैयार करेंगे। ग्राम विकास अधिकारी संबंधित गांव की वनाधिकार समिति का सहयोग लेते हुए दावों का कुलक में निर्धारित प्रारूप में सत्यापन की कार्यवाही करेंगे। हल्का पटवारी द्वारा कुलक में निर्धारित प्रारूप में जमाबंदी रिपोर्ट, नक्शा ट्रेस का अंकन कर जमाबंदी की नकल सलग्न करेंगे। इसके पश्चात वन विभाग के प्रतिनिधि द्वारा कुलक में निर्धारित प्रारूप में मय जीपीएस शीट तैयार की जाएगी। ग्राम विकास अधिकारी द्वारा वनाधिकार समिति की अभिस्वीकृति कुलक में निर्धारित प्रारूप में तैयार कर अध्यक्ष एवं सचिव के हस्ताक्षर करायेंगे। फिर ग्राम सभा में दो तिहाई सदस्यों की उपस्थिति में प्रस्ताव परित कर कुलक में निर्धारित प्रारूप तैयार कर उपखण्ड स्तरीय समिति को प्रस्तुत किए जाएंगे। उपखण्ड स्तरीय वनाधिकार समिति ग्राम सभा द्वारा प्रारित संकल्प का परीक्षण एवं अनुमोदन कर अंतिम निर्णय हेतु जिला स्तरीय वनाधिकार समिति को प्रषित करेगी।
पात्रता एवं नियमों की दी जानकारी
बैठक में बताया कि धारा 3 (2) के तहत वन संरक्षण अधिनियम 1980 में आधारभूत सुविधाओं के लिए वनभूमि के परिवर्तन का उपबन्ध किया गया है। इसमें विद्यालय, औषधालय या अस्पताल, आंगनवाडी, उचित कीमत की दुकान, विद्युत और दूरसंचार लाईनें, टंकिया और अन्य लघु जलाशय, पेयजल आपूर्ति एवं अन्य जल पाईप लाईनें, जल या वर्षा जल संचयन संरचनाएं, लघु सिंचाई नहरें, अपारम्परिक ऊर्जा स्त्रोत, कौशल उन्नयन या व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र, सामुदायिक केन्द्र आदि विषय सम्मिलित किए गए हैं। धारा 3 (1) में सामुदायिक वनाधिकार हक पत्र के तहत वन में निवास करने वाली अनुसूचित जनजातियां और अन्य परम्परागत वन निवासियों की पात्रता संबंधी जानकारी दी।
संभागीय आयुक्त ने अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन के दिए निर्देश
