अतिरिक्त मुख्य सचिव पीएचईडी की समीक्षा बैठक
जयपुर, 13 अक्टूबर। प्रदेश के विभिन्न जिलों में पंचायत समिति स्तर पर पेयजल की गुणवत्ता जांच के लिए 250 नई प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। नई प्रयोगशालाएं स्थापित होने से पानी की गुणवत्ता में और सुधार करते हुए आमजन को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने में आसानी होगी। वर्तमान में 32 जिलों में जिला स्तरीय प्रयोगशालाएं एवं जयपुर में राज्य स्तर की प्रयोगशाला कार्यरत हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल डॉ. सुबोध अग्रवाल ने पेयजल की गुणवत्ता एवं जल संरक्षण को लेकर आमजन में जागरूकता पैदा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने ब्लॉक स्तर पर स्थापित होने वाली लैब के लिए भवन चिन्हित करने में तेजी लाने को कहा। डॉ. अग्रवाल गुरूवार को पानी की गुणवत्ता जांच के लिए प्रयोगशालाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि प्रयोगशालाओं को उन्नत बनाने एवं आधुनिक उपकरण स्थापित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। रसायनज्ञों के प्रशिक्षण एवं क्षमता संवर्धन की दिशा में भी कई कदम उठाए गए हैं। जल जीवन मिशन के तहत 20 जिलों में आउटसोर्स पर आधारित मोबाइल लैब पानी की गुणवत्ता जांच कर रही हैं। इनमें जोधपुर एवं उदयपुर रीजन में 6-6 तथा कोटा एवं अजमेर रीजन में 4-4 मोबाइल लैब कार्यरत हैं। पानी की गुणवत्ता जांच कर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि आमजन को अच्छी गुणवत्ता का पेयजल उपलब्ध हो।
बैठक में बताया गया कि जल जीवन मिशन के तहत इस वर्ष अभी तक 10 हजार 689 फील्ड टेस्ट किट, 7 लाख 52 हजार 207 जीवाणु जांच किट वितरित किये गए हैं। ग्राम जल स्वच्छता समितियों के सदस्यों को पानी की गुणवत्ता जांच का प्रशिक्षण देने के लिए जिला रसायनज्ञ एवं फील्ड अभियंताओं द्वारा 1421 शिविर आयोजित किए गए हैं। अप्रेल से लेकर अभी तक 91 प्रतिशत केमिकल टेस्टिंग तथा 48 प्रतिशत जीवाणु जांच की गई हैं। 20 मोबाइल लैब के माध्यम से 86 प्रतिशत सैम्पल टेस्टिंग की गई है।