उदयपुर, 24 नवंबर। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के राजस्थान कृषि महाविद्यालय की नितिशा गहलोत ने डॉ. आर.एन. बुनकर के मार्गदर्शन में टमाटर में म्लानि रोगकारक फ़्यूजेरियम ऑक्सीस्पोरम फ़ॉर्मा स्पेशलिस लाइकोपर्सिसी स्नाइडर एवं हंसन की परिवर्तनशीलता एवं समन्वित प्रबंधन का अध्ययन कर पादप व्याधि विज्ञान विभाग से विद्या वाचस्पति की उपाधि प्राप्त की है।
इनकी शोध में पाया गया कि टमाटर में फफूँद जनित रोग को नीम की खल, गोबर की खाद और जैविक नियंत्रक कारक के साथ सीमित मात्रा में रसायनों के प्रयोग से नियंत्रित किया जा सकता है। इससे रसायनो की माँग कम होगी, उत्पादन बढ़ेगा और जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा।
नितिशा गहलोत को विद्या वाचस्पति
