उदयपुर, 6 नवम्बर। विश्व विख्यात वेडिग-जन्मदिन डेस्टीनेशन पार्टियों के लिये मशहूर उदयपुर में फिर एक बार अलौकिक-अद्भुत-अविस्मरणीय क्षण-अवसर षाही श्याम जन्मदिन महोत्सव रूप में अपनी अमिट छाप छोड़ गया। स्वर्णीम आभा लिये भव्य महलनुमा श्याम दरबार में कलयुग अवतारी- शिश के दानी तीन बाणधारी-नीले के सवार-महान योद्धा-हारे के सहारे-लक्ख दातार खाटू ष्याम नरेष प्रभु श्याम के शिश को देशी -‘ विदेशी ताजा पुष्पों के भव्य बाधा में विराजमान किया गया। उनका श्रृंगार अनेक मनमोहक स्वर्णाभुषणों-जवाहरातो-मोर मुकुट कानों में कुण्डल-गले में कण्ठा होठो पर बांसुरी घर किया गया। उनके समक्ष अनेक प्रकार के जन्मदिन उपहार-पुष्प गुच्छा-बुके टॉफिया-टोपिया-गुब्बारे-बेट बाल-सीटियां एवं बाल सुलभ खेल खिलौने सज्जित किये गये। जिन्हे दर्षनोपरान्त उपस्थित बाल-गोपाल एवं उनकी माताओं में जन्मदिन प्रभावना बधाई रूप में मंगल कामनाओं के साथ बांटा गया। प्रभु की मूरत-दरबार की अलौकिकता-सौन्दर्यता निहारने उसे अपने नयनों-दिलो दिमाग में आत्मसात् करने हेतु हर श्रद्धालु-आतुर- व्याकुल उतावला नजर आया। मौका था श्री खाटू श्याम मित्र मण्डल ट्रस्ट उदयपुर द्वारा श्याम सुन्दर- राजकुमारी गोयल परिवार द्वारा आयोजित विषाल श्याम जन्म महोत्सव के भव्य आयोजन का।
ष्याम भक्त नारायण अग्रवाल ने बताया कि न्यू अशोक नगर के विषाल प्रांगण को सैंकड़ों स्टील ट्रस की आधार शिला पर भव्य सामियाना पाण्डाल के रूप में सजाया गया। पूरा पाण्डाल स्वर्णीम आया लिये थे। हर ट्रस पर मुख्य प्रवेश द्वार एवं श्याम दरबार में 2500 गुब्बारे-सैंकड़ों-छतरिया-अन्य उपकरण षाही जन्मदिन पार्टी थीम पर आकर्षकता प्रतीत करा रहे थे। ष्याम रीत अनुसार प्रभु श्याम के सिंहासन के समक्ष धराये गये दीप से स्वतः स्वप्रज्जवलित अखण्ड जोत में आज के यजमान ज्योति प्रचण्ड- श्याम सुन्दर-राजकुमारी गोयल-पुत्र-पुत्रवधु निशांत -मेघा, विशाल -निकिता पुत्री-दामाद शिल्पा -आकाश मित्तल-नायषा मितल पौत्र-पौत्री, हितार्थ एवं नायरा गोयल तथा सभी ट्रस्टी गणों ने सपत्नी आहुतियां पदरा गणेश वन्दना- श्याम आरती-हनुमान वन्दना आरती कर श्याम कीर्तन के साथ भजन संध्या का षुभारम्भ किया। जयपुर के राष्ट्रीय गायक श्याम अपूर्वा, राज राठौड़ अजमेर के सुनील जोशी तथा जयपुर के हेमन्त सेन ने सामूहिक रूप से प्रभु की अरदास कीर्तन की है रात बाबा आज थाने आणो है यो कोल नीमानो है…. से शुरुवात कर भजनों एवं जन्मदिन नगमों से देर रात तक भक्तों को नाचने गाने झूमने- लहराने भावविभोर कर भक्ति के सागर में गोते लगवाये।
प्रारम्भ में अजमेर के सुनील जोषी ने गणेश वन्दना-गणपति ने प्रथम मनावा जी रिद्धिी-सिद्धी लेकर आवो जी…. हनुमान वन्दना-लाल लंगोटो हाथ में सोटो-सालासर छारो देवरो रे बाबा… एक बार आओ जी बाबो जी म्हारे आगणे थारी खुब करा मनुहार… जयपुर के राज राठौड़ ने, श्याम तेरे भक्तों को तेरा ही सहारा है…. खाटू वाला श्याम मेरे घर आया… भरहेरे श्याम झोली भरहे… दिलदार कन्हैया ने मुझको अपनाया है… गर जोर मेरो चाले हिरा मोत्या सू नजर उतार दयू….. बांस की बांसुरिया पे घणे इतरावे, कोई सोना की होती-हिरा मोत्या की होती तो जाणे काई करतो…. मोर छड़ी लहराई रे रसिया ओ सावंरा… पर पाण्डाल को एवं भक्तजनों को हिलाकर रख दिया-ष्याम जयकारों के साथ भक्तों ने नाचकर-झूमकर दोनों हाथ उठा तालिया बजाकर भक्ति का प्रदर्षन किया। राष्ट्रीय भजन गायक जयपुर के ष्याम अपूर्वा ने जन्मदिन षैली के अनेक भजनों के साथ-साथ उनकी प्रसिद्ध रचनाएं ओ पालन हारे निर्गुण ओ न्यारे… भूंलू ना कभी नाम तुम्हारा…. तू कृपा कर बाबा कीर्तन करवाउंगा… दिनानाथ मेरी बात धानी कोनी तेरे से… म्हारा सिर पर है बाबा जी रो हाथ…. माता अहलावती आंगणिया ष्याम लियो अवतार जन्मदिन अयो रे… कीर्तन की है रात बाबा आज थाने आनो है…. साथी हमारा कौन ब नेगा तुम ना सुनोगे तो कौन सुनेगा संकट हमारा कौन हरेगा से भक्तों को भाव विहल कर दिया वही देर रात तक ष्याम भक्तों को बांधे रखा, उन्हे भक्ति रस में जमकर नचाया जयपुर के ही हेमन्त सेन ने मेरे बांके बिहारी लाल… नेनन में ष्याम समायगो… से षमा बांध दिया। भजन संध्या में गायकों के साथ सुर ताल लय मिलाकर संगीत की स्वर लहरिया बिखेरने आर्केस्टा पार्टी में प्रमुख अजमेर के संगीतकारों में ओरगन पर राज कुमार चौहान, पेड़ पर कुषल अटारिया-ढोलक पर पंकज ढोल नगाड़ों पर राधेष्याम ने अपनी अद्भूत क्षमता का परिचय देते हुये माहौल को अलौकिक स्वर्गीग बना दिया।
नारायण अग्रवाल ने बताया कि प्रभु ष्याम के समक्ष उनके प्रिय भोज चूरमा-खीर-मक्खन केसर दूध पंचामृत पान बीड़ा-सभी प्रकार के सूखा मेवा ताजा मौसमी फल के साथ छपपन प्रकार के स्वादिष्ट छप्पन व्यंजनों के थाल का महा प्रसाद दरबार में सजाया गया। ट्रस्टी सुनील बसंल राजेष गोयल-ष्याम सुन्दर गोयल-योगेष कुमावत द्वारा अनवरत अखण्ड ज्योत में इत्र छप्पन भोग सामग्री एवं दिव्य षाकल्य की आहुतियां पदरायी गयी वही उपस्थित तकरीबन ग्यारह सौ से भी अधिक ष्याम भक्तों को भी ष्याम रीत अनुसार हस्त पक्षालन-ललाट पर तिलक लगा-मोती लच्छा रक्षा सुत्र बांधकर बारी बारी से अखण्ड ज्योत में आहुतिया पदर वाकर उन्हे षोभागय प्रदान किया।
ब्रह्म मुहूर्त में प्रांगण में ष्याम भण्डारे रसोडे का विधिवत भट्टी पूजन कर सभी ष्याम प्रेमियों के लिये अल सुबह से संध्या समापन तक गरमा गरम आलू बड़ा, पुड़ी-मसाला पुड़ी, दुप्पड़, गुलाब जामुन, बादाम हलवा-मक्की राब, दाल-भिण्डी, आलू अचारी जैसी सब्जियों व्यंजनों का निर्माण कर प्रभु ष्याम को अन्नकूट एवं जन्मदिन महाप्रसादी का भोग धराया गया। सभी ष्याम प्रेमियों को भोजन महाप्रसादी का एवं छप्पन भोग प्रसाद का रस्वादन का परम आनन्द प्रदान किया गया।
इन्हें सभी से पूर्व आज अपरान्ह में प्रभु के षीष का ढोल नगाड़ों षंख ध्वनी के साथ अपने निवास पर स्वागत सत्कार कर ष्याम सुन्दर-राजकुमारी गोयल परिवार पार्षद पुनम चन्द मोर ट्रस्टियों सुनील-स्नेहलता बसंल, मीमांसा एवं नलिन बसंल, राजेष-वीनू गोयल, अर्थन गोयल, सुरेन्द्र-वीणा गर्ग, वंष गर्ग, षुभम-प्रिती गर्ग, सुरेष-रेखा अग्रवाल तथा अन्य ट्रस्टियों द्वारा प्रभु के षीष का भव्य अभिषेक-श्रृंगार-सिर पर साफा पहनाकर दरबार सझाया ज्योत जला उनके समक्ष गायक ष्याम अपूर्वा ने अनेक स्वागत भजन कीर्तन से उनका सुरों से श्रृंगार किया। पुनः संध्या में बाबा का षीष ष्याम रीत अनुसार लवाजमे डोल नगाड़ों के साथ ष्याम दरबार में पधाकर बाधा में सज्जित किया गया। भक्तों पर भी अनवरत गुलाब पखुंडियों इत्र की अनवरत वर्षा की गयी।
स्वर्ण महल मन्दिर में सजा ‘‘खाटू श्याम जन्मदिन दरबार’’
