सीमित परिग्रह होना चाहिए, जरूरत से ज्यादा रखने पर तृष्णा हो जाती है : मुनि श्रद्धानंद 

– मुनि संघ की आहार चर्या में उमड़े सैकड़ों श्रावक-श्राविकाएं 

उदयपुर 9 जूलाई ।  केशवनगर स्थित आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में गुरुवार को मुनि श्रद्धानंद एवं पवित्रा नंद महाराज संघ का मांगलिक चातुर्मास धूमधाम से आयोजित हो रहा है। 

आदिनाथ दिगंबर जैन दशा नरसिंहपुरा चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष धनपाल जेतावत एवं मंत्री जीवंधर लाल जेतावत ने बताया कि आदिनाथ भगवान का चित्र का अनावरण एवं दीप प्रज्वलन मीठालाल हाथी एवं उपस्थिति श्रेष्ठीगण द्वारा किया गया तथा शास्त्र भेंट अशोक भोपावत द्वारा किया गया तथा  मुनिश्री का पाद प्रक्षालन प्रताप सिंह चित्तौड़ा एवं नवयुवक मंडल द्वारा किया गया ।  

  चातुर्मास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष कुंथु कुमार गणपतोत ने बताया कि संत सुधा सागर संयम भवन में प्रवचन सभागार में मुनि श्रद्धा नंद महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि मनुष्य को जितनी वस्तु अपने उपयोग में आती है वह उतनी ही रखनी चाहिए । सीमित परिग्रह होना चाहिए, जरूरत से ज्यादा रखने पर तृष्णा हो जाती है एवं समता रूप परिणाम का बहुत ही महत्व होता है। प्रतिकूल संयोग में भी जो व्यक्ति समता धारण कर सके वही श्रेष्ठ होता है। जीवन में जो भी कर्म करने जा रहे हो उनके परिणामों के बारें में पहले चिंतन जरूर कर लो। उस कार्य के सकारात्मक-नकारात्मक इफेक्ट पर भी नजर डाल लो। जीवन में कार्यकुशलता से ही कार्य संपन्न होते है। आगे बढऩा है तो समय की कीमत को पहचाने। सफलता परिश्रम व सच्ची लगन से ही संभव हैं। उन्होंनें कहा कि हमे जैन कुल में जन्म मिला हंै और चौबीस तीर्थंकर का सानिध्य मिला हैं तो हमे चाहिए कि हम धर्म आधारित अपने जीवन का व्यापन करते हुए जीव मात्र के लिए दया का भाव रखे।

महामंत्री जिनेन्द्र गंगावत व मंत्री कैलाश गंगवाल ने बताया कि 17 जुलाई को चातुर्मास मंगल कलश की स्थापना का कार्यक्रम आयड़ स्थित श्वेताम्बर स्थानक में संपन्न किया जाएगा।

By Udaipurviews

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