राजस्थान की प्रथम वर्चुअल कोर्ट का उद्घाटन

जयपुर, 20 जुलाई। राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति श्री एस.एस. शिंदे ने बुधवार को राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीशगण एवं रजिस्ट्री के अधिकारियों की उपस्थिति में राजस्थान की प्रथम वर्चुअल कोर्ट का ई-उद्घाटन किया। इस दौरान जिला न्यायाधीश जयपुर मेट्रो, परिवहन विभाग एवं एनआईसी के अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित हुए।

मुख्य न्यायाधिपति श्री शिंदे ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत छोटे यातायात अपराध के मामलों से निपटने के लिए ई-कोर्ट परियोजना के तहत वर्चुअल कोर्ट की एक नई अवधारणा पेश की गई है। इस अवधारणा का उद्देश्य अदालत में उल्लंघनकर्ता या अधिवक्ता की भौतिक उपस्थिति की अनिवार्यता को समाप्त करना और न्यायालय के समय एवं जनशक्ति की बचत करना है।

  स्टीयरिंग कमेटी के अध्यक्ष न्यायाधिपति श्री अरूण भंसाली ने वर्चुअल कोर्ट की उपयोगिता और वर्तमान समय में इसकी आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि यह कदम राजस्थान की न्यायिक व्यवस्था में मील का पत्थर साबित होगा।

इस अवसर पर न्यायाधिपति श्री मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव, प्रशासनिक न्यायाधिपति श्री संदीप मेहता एवं जोधपुर तथा जयपुर के अन्य सभी न्यायाधिपतिगण ने भी शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए वर्चुअल कोर्ट को आम जन के लिए एक बेहतर सोच बताया।

उल्लेखनीय है कि इस व्यवस्था के तहत यातायात शाखा, जयपुर और जयपुर के विभिन्न पुलिस थानों से ऑनलाइन बनाये जाने वाले सभी चालान, ई-चालान के रूप में वर्चुअल कोर्ट में पेश होंगे। वर्चुअल कोर्ट उनके संबंध में ऑनलाइन ही न्यायिक आदेश पारित कर जुर्माना अधिरोपित कर सकेगी। आम व्यक्ति को मैसेज के माध्यम से उक्त आदेश की सूचना प्राप्त होगी और यह ऑनलाइन जुर्माना राशि जमा करा कर ई-चालान का निपटारा करवाया जा सकेगा। इस प्रक्रिया से न केवल पुलिस विभाग और न्याय विभाग को सहूलियत होगी, बल्कि आमजनता को भी काफी सुविधा होगी। जयपुर जिला के मोबाईल मजिस्ट्रेट न्यायालय क्रम-2 को वर्चुअल कोर्ट का प्रभार दिया गया है। इसके लिए ई-कोर्ट प्रोजेक्ट के तहत सॉफ्टवेयर भी बन चुका है, जिसका विभिन्न राज्यों में सफलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा है। राजस्थान उच्च न्यायालय प्रशासन द्वारा इस कोर्ट के सफल संचालन हेतु आवश्यक सभी व्यवस्थाएं भी पूर्ण कर ली गई हैं।

इस व्यवस्था का उद्देश्य है कि छोटे-छोटे मामले जिनका निस्तारण मात्र जुर्माना राशि जमा किये जाने पर ही हो सकता है, उसके लिए आम जनता को न्यायालयों मे आकर लम्बी न्यायिक प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़े और न्यायालयों में इन प्रकरणों के दर्ज होने से निस्तारण होने तक की प्रक्रिया में लगने वाले समय को बचाया जाये। इस समय का उपयोग गंभीर एवं पुराने मामलों के निस्तारण के लिए किया जा सके।

     कार्यक्रम का संचालन श्री कुलदीप राव, ओएसडी ने किया। अंत में रजिस्ट्रार जनरल श्री सूर्यप्रकाश काकडा ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

By Udaipurviews

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Related Posts

error: Content is protected !!