महिला एवं बाल विकास मंत्री ने केन्द्र सरकार से राज्य में नए आंगनबाड़ी केन्द्र खोलने का किया अनुरोध

आंगनबाड़ी कर्मचारियों के बढ़े हुए मानदेय में भी योजना के तहत 60 प्रतिशत अंशदान देने का आग्रह किया

जयपुर, 26 जून।  महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने केंद्र के समक्ष राज्य की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए नए आंगनबाड़ी केंद्रों को खोलने की स्वीकृति देने की मांग की। साथ ही उन्होंने राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना तथा उड़ान योजना के लिए भी केन्द्र सरकार से सहयोग की अपेक्षा की। 

श्रीमती भूपेश रविवार को जयपुर के होटल मैरियट में महिला एवं बाल विकास के तहत 8 वर्षों में अर्जित उपलब्धियों पर आयोजित जोनल मीट को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मुंजीपारा महेन्द्रभाई की उपस्थिति में केंद्र सरकार से आग्रह किया कि राज्य में 5 हजार नवीन आंगनबाड़ी केंद्र खोलने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि राज्य की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए केन्द्र सरकार नए आंगनबाड़ी खोलने की अनुमति दे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आंगनबाड़ी कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाया गया है, लेकिन केंद्र द्वारा उसी अनुपात में अंशदान नही दिया जा रहा है। वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा 68 प्रतिशत का अंशदान दिया जा रहा है तथा केंद्र द्वारा मात्र 32 दिया जा रहा है। जबकि केन्द्र द्वारा 60 प्रतिशत का अंशदान देय है। उन्होंने मानदेय कर्मियों हेतु राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवायी जा रही अतिरिक्त राशि का 60 प्रतिशत अंशदान केन्द्र सरकार के स्तर से वहन किये जाने का आग्रह किया। 

महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और उनके सशक्तिकरण के लिए कृत संकल्प है। राज्य सरकार द्वारा महिला एवं बाल विकास के लिए चलाई जा रही योजनाओं के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। उन्होने बताया कि केन्द्र सरकार की योजनाओं को भी राज्य में कुशलता से लागू किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना के लिए केन्द्र सरकार द्वारा राज्य को दो बार सम्मानित भी किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि राज्य में नवाचार के रूप में इन्दिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना को राज्य के समस्त जिलों में लागू किया जा रहा है। योजना के तहत राज्य सरकार की ओर से द्वितीय संतान को 6 हजार रूपये की राशि पोषण हेतु उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने आग्रह किया कि मां एवं संतान के पोषण व बेहतर स्वास्थ्य के लिए इन्दिरा गांधी मातृत्व पोषण योजनान्तर्गत भी सरकार द्वारा व्यय की जा रही राशि का 60 प्रतिशत पुनर्भरण केन्द्र सरकार के द्वारा किया जाए। 

इसी प्रकार राज्य में एक करोड़ 30 लाख किशोरियों और महिलओं को निःशुल्क सेनेटरी नेपकिन उपलब्ध करवाने हेतु संचालित समूचे देश की अनूठी और महत्वपूर्ण उड़ान योजना के लिए भी उन्होंने 60 प्रतिशत राशि का केन्द्र सरकार की ओर से पुनर्भरण किया जाने हेतु आग्रह किया गया।

इस अवसर पर केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मुंजपरा महेन्द्रभाई ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए संवेदनशीलता से निर्णय लिए हैं, जिनके सुखद परिणाम भी सामने आये हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 8 सालों में महिलाओं के प्रति हिंसा और अपराधों को रोकने के लिए मिशन शक्ति, महिला हैल्पलाइन जैसी योजनाएं चलाई गई हैं और तीन तलाक के उन्मूलन और लड़कियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करने जैसे फैसले लिए गए हैं। उन्होंने योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन तथा अंतिम व्यक्ति तक पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से योजनाओं में किये गए परिवर्तनों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा से जुड़े कानूनों में भी बदलाव कर उन्हें और प्रभावी बनाया गया है। 

डॉ. महेन्द्रभाई ने कहा कि कामकाजी महिलाओं को सम्बल देने के उद्देश्य से वर्किंग वुमेन हॉस्टल पूरे देश भर में खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य जरूरत के मुताबिक नए हॉस्टलों के लिए जगह चिह्नित करें, ताकि अधिक से अधिक महिलाओं को इसका लाभ मिल सके। साथ ही उन्होंने मिनी आंगनबाड़ियों को पूर्ण आंगनबाड़ी केन्द्रों में बदलने तथा वर्तमान में बंद पड़ी आंगनबाड़ियों को फिर से शुरू करने के लिए कहा।

कार्यक्रम के दौरान तथा मुद्रा, स्टार्ट-अप, महिला हैल्पलाइन तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों ने अपने अनुभव भी साझा किये। इसके अतिरिक्त बच्चों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी बच्चों ने भी अपने अनुभव बताये।  

ओपन सैशन में विभिन्न गैर सरकारी संगठनों, सिविल सोसाइटी तथा विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने विभिन्न मुद्दों पर अपने सुझाव भी रखे। इस अवसर पर यूएन वुमैन द्वारा वित्तीय समावेशन तथा महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण तथा यूनिसेफ द्वारा पिछले 8 सालों में बच्चों पर आए प्रभावों पर प्रेजेंटेशन दिया गया। कार्यक्रम में बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ तथा पोषण योजना पर आधारित विडियो का प्रसारण भी किया गया।

इससे पहले उद्घाटन सत्र में राज्य में महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव श्री दिनेश कुमार यादव ने उद्घाटन सत्र में सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा कार्यक्रम के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी।

कार्यक्रम के अंत में निदेशक समेकित बाल विकास सेवाएं श्री राम अवतार मीणा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

कार्यक्रम में राज्य के सांसदगण, जयपुर जिले के विधायक गण,  केन्द्र सरकार के महिला बाल विकास अधिकारी, राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं गुजरात राज्यों के महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी, विभिन्न गैर सरकारी संगठनों तथा विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि, विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी उपस्थित थे।

By Udaipurviews

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