उदयपुर, 16 जून। बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निर्देशन में जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, बाल कल्याण समिति, स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओ के तत्वावधान में जारी बालश्रम मुक्त उदयपुर अभियान के तहत लगातार कार्रवाई का जा रही है।
राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ. शेलैन्द्र पण्ड्या ने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने में आमजन को भी आगे आना होगा। उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि उन्हें अपने आसपास 14 वर्ष तक के बच्चों से किसी भी प्रकार का श्रमकार्य एवं 15 से 18 वर्ष के बच्चों से कठोर या जोखिम वाले श्रम कार्य करवाए जाने की स्थिति दिखाई दे वे तुरन्त सरकार की निःशुल्क हेल्पलाइन नंबर 1098 या उदयपुर के लिए पृथक से 20 जून तक जारी 9784399288 नम्बर पर वाट्सअप पर भी सन्देश कर सकते है। समन्वित प्रयासों से यदि किसी भी बच्चे का रेस्क्यू सम्भव हो पाया तो उदयपुर के ऐसे व्यक्ति को अभियान के समापन कार्यक्रम में ‘‘जागरूक नागरिक‘‘ के रूप में सम्मानित किया जाएगा।
सुखाडि़या सर्कल पर भिक्षावृत्ति एवं श्रम कार्य में लिप्त 11 नन्हें बच्चों को किया रेस्क्यू
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ध्रुव कुमार कविया ने बताया कि अभियान के चौथे दिन गुरुवार को सुखाड़िया सर्किल एवं आसपास के क्षेत्र से छोटे बच्चे जो भिक्षावृत्ति या श्रम कार्यो में संलग्न थे, उनके परिवारजनों से समझाइश की गई। सभी ने संकल्प लिया कि वे अपने बच्चों से बालश्रम या भिक्षावृत्ति नहीं करवाएंगे। साथ ही मौके पर मिले 11 निराश्रित जिनमें 5 बालिकाओं को मनु सेवा संस्थान एवं 6 बालकों को सुखेर स्थित जीवन ज्योति बाल गृह में तुरंत प्रवेशित कर भिजवाया गया।
इस अवसर पर सहायक निदेशक बाल अधिकारिता विभाग मीना शर्मा, बाल कल्याण समिति के सदस्य सुरेश शर्मा, राष्ट्रीय मानवाधिकार विकास ट्रस्ट के अध्यक्ष गोविन्द जांगीड, गायत्री सेवा संस्थान से अमित राव एवं विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।