लेकसिटी में गांधीवादी विचारक बोले, जन-जन में जागृत हो गांधी का दर्शन
उदयपुर, 3 अगस्त। शांति एवं अहिंसा निदेशालय द्वारा उदयपुर में चल रहे तीन दिवसीय गाँधी दर्शन आवासीय प्रशिक्षण शिविर का बुधवार को उदयपुर के महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय सभागार में समापन हुआ। समापन समारोह में वक्ताओं ने महात्मा गाँधी के जीवन मूल्यों पर विचार रखें एवं जन-जन में गाँधी दर्शन को जागृत करने की बात कही।
प्रार्थना सभाओं का नियमित रूप से करें आयोजन -कुमार प्रशांत
समारोह के मुख्य अतिथि वरिष्ठ गाँधीवादी विचारक कुमार प्रशांत ने कहा कि वर्धा से गाँधी मार्ग पुस्तक प्रकाशित होती है। यह पुस्तक हर व्यक्ति तक पहुंचे जिससे कि गाँधी के विचारों का प्रचार-प्रसार हो। उन्होंने सभी को गाँधी दर्शन एवं विचारों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। प्रशांत ने कहा कि वार्तालाप के दौरान हमेशा सामने वाले को अच्छे से सुनें एवं फिर अपनी बात कहें। उन्होंने कहा कि हर सप्ताह कम से कम दस लोगों से मिले एवं नियमित प्रार्थना सभा का आयोजन कर गाँधी के विचारों को प्रचारित करें। इससे लोगों का गाँधी के प्रति जुड़ाव बढ़ेगा। कुमार प्रशांत ने गाँधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर के लिए उत्कृष्ट व्यवस्थाओं हेतु जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी कार्य करेगा निदेशालय-मनीष शर्मा
शांति एवं अहिंसा निदेशालय के निदेशक मनीष शर्मा ने समापन समारोह का संचालन किया एवं गाँधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में विभाग महिला सशक्तिकरण पर भी कार्य करेगा। अनुजा निगम आयोग अध्यक्ष व राज्यमंत्री डॉ. शंकर यादव ने गांधी दर्शन की वर्तमान प्रसंगों में आवश्यकता पर प्रकाश डाला और युवा पीढ़ी को इसे आत्मसात करने का आह्वान किया।
आरपीएससी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. बीएम शर्मा ने अपने वक्तव्य में सभी को गाँधी के विचारों को जीवन में अपनाने की बात कही। शर्मा ने कहा कि हम सद्भाव और प्रेम भाव से रहते हुए लोकतंत्र के मूल्यों को बढ़ावा देना हमारा कर्तव्य है।
देश में सभी व्यक्तियों को समान स्वतंत्रता का अधिकार – प्रो सतीश रॉय
प्रो सतीश रॉय ने कहा कि भारतीय संविधान के प्रावधानों में सांप्रदायिक सदभाव की बात कही है एवं प्रत्येक व्यक्ति को धार्मिक स्वतंत्रता प्राप्त है। उन्होंने विभिन्न अनुच्छेदों के बारे में बताते हुए स्वतंत्रता के अधिकारों का उल्लेख किया और कहा कि हमारे देश में सभी धर्मों को समान अधिकार प्राप्त है। पंकज शर्मा ने आयोजन हेतु मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। वर्धा से आए गाँधी विचारक एवं प्रशिक्षक मनोज ठाकरे ने गीतों के माध्यम से राष्ट्रपिता गांधी के विचारों को बताया एवं समा बांधा। मध्यप्रदेश से आए गांधी विचारक अजमद वाही ने भी विचार प्रस्तुत किये। अंतिम दिन महिला सशक्तिकरण को लेकर भी वक्ताओं ने विचार व्यक्त किये।
संभागियों को प्रमाण पत्र किए वितरित
गाँधी दर्शन शिविर के संभागियों को संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट एवं शांति एवं अहिंसा निदेशालय के निदेशक के हस्ताक्षर युक्त प्रमाण पत्र वितरित किये। इसके अलावा समापन से पूर्व मंच पर फोटो सेशन आयोजित हुआ जिसमें संभागियों ने अतिथियों के साथ फोटो लिए। कार्यक्रम के दौरान सभी जिलों के संयोजकों को स्मृति चिन्ह अतिथियों द्वारा भेंट किये गए। इस मौके पर कलक्टर ताराचंद मीणा, राजेश पंड्îा, पंकज शर्मा, दिलीप नेभनानी आदि ने भी विचार व्यक्त किए।
आज के युग में गाँधी दर्शन है सर्वाधिक प्रासंगिक
मंच से गाँधी दर्शन की अहमियत और आज के युग में इसके प्रासंगिक होने पर वक्ताओं ने विचार व्यक्त किये। वक्ताओं ने गाँधी के प्रमुख विचारों जैसे पाप से घृणा करो पर पापी से नहीं, क्षमादान बहुत मूल्यवान चीज है, मानवता में विश्वास नहीं खोना, शांति का मार्ग ही सत्य का मार्ग है, झूठ हिंसा का जनक है, स्वयं को जानने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है खुद को औरों की सेवा में लगा देना आदि संभागियों के सम्मुख रखे। इस दौरान संभाग के समस्त जिलों के महात्मा गाँधी जीवन दर्शन समिति के जिला संयोजक, जिला सह संयोजक, ब्लॉक संयोजक एवं सह संयोजक सहित अन्य संभागियों ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये।
अंतिम दिन हुए विभिन्न आयोजन
गाँधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर के अंतिम दिन बुधवार को प्रार्थना, योग, व्यायाम, गाँधी ग्राउंड से नगर निगम तक अहिंसा मार्च, समापन समारोह आदि का आयोजन हुआ। समापन समारोह तीन कालांश में आयोजित हुआ जिनमें प्रशिक्षकों द्वारा गाँधी दर्शन पर विचार प्रस्तुत किये गए। जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने अंतिम दिन समापन समारोह के दौरान मंच से सभी को उदयपुर आगमन के लिए धन्यवाद् ज्ञापित किया। कलक्टर ने सभी से अपील कर कहा कि मुख्यमंत्री गांधीवादी विचारों के समर्थक हैं और गाँधी के सपनों को साकार करने के लिए कई योजनाएं चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि योजनाओं को सफल करने के लिए हम सभी का कर्तव्य है कि इनका व्यापक प्रचार करें।