असफलता के बारे में सोचना ही असफल होने का मूल कारण है : मुनि श्रद्धानंद

–  जैन सिद्धांतों की समसामयिकता पर राष्ट्रीय  व्याख्यान 2 अगस्त को
– पाश्र्वनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक 4 अगस्त को

उदयपुर 31 जूलाई  । केशवनगर स्थित आदिनाथ दिगम्बरजैन में वसुनंदी महाराज शिष्य मुनि श्रद्धानंद महाराज एवं मुनि पवित्रा नंद महाराज ने संत सुधा सागर संयम भवन में प्रवचन सभागार में मुनि श्रद्धा नंद जी महाराज ने अपने प्रवचन में सफलता की कुंजी क्या है? के विषय पर बोलते हुए कहा कि कोई व्यक्ति कलेक्टर एसपी व्यापारी शिक्षक डॉक्टर या अधिकारी बनना चाहता है परंतु सफलता कहां है यह उसे पता नहीं सफलता को प्राप्त करने के लिए कामनाओ और विचारधाराओं पर चलना होगा । जिस प्रकार सोने को प्राप्त करने की लिए उसको उसकी विधि से ही प्राप्त कर सकते हैं पाषाण को पीटकर सोना बनता है वैसे ही सफलता को प्राप्त करने के लिए भी उसकी क्रिया है उसकी एक विधि है । सफलता का मायना यह नहीं कि किसी को भी धक्का देकर आगे बढ़ जाएं बल्कि हमारी संकल्प शक्ति, सदुपयोग ,अटल विश्वास एवं कोशिश द्वारा मिलती है सफलता के लिए संकल्प शक्ति चाहिए जुनून चाहिए पागलपन चाहिए।  हमारा विश्वास अटल नहीं है तो हमें सफलता नहीं मिल सकती है संसार में कोई भी व्यक्ति कोई भी कार्य कर सकता है परंतु शर्त यह है हमारा विश्वास अटल होना चाहिए । असफलता के बारे में सोचना ही असफलता का मूल कारण है जैसा आप सोचोगे वैसा ही होगा।  हमें कोशिश करते रहना चाहिए बिना कोशिश के हमें सफलता प्राप्त नहीं हो सकती जीवन में संघर्ष नहीं है बल्कि जीवन ही संघर्षमय है । सफलता एक चुनौती है इसे स्वीकार करना चाहिए ।
      यह जानकारी देते हुए आदिनाथ युवा परिषद के प्रचार संयोजक शांति कुमार कासलीवाल  ने  बताया कि   आदिनाथ भगवान का चित्र का अनावरण एवं दीप प्रज्वलन दिनेश भोपावत ,सुमती प्रकाश राठिया, कुलदीप जेतावत द्वारा किया गया एवं मुनि श्री का पाद प्रक्षालन रमेश सिंघवी, मंजू सिंघवी ,दिलीप खासगीवाल आशीष जयसिंगोत  द्वारा किया गया एवं शास्त्र भेंट निर्मला चित्तौड़ा ,निर्मला जैन, नेहा गंगवाल ,कामना धर्मावत द्वारा किया गया एवं मंगलाचरण श्रीमती पूजा जैन द्वारा किया गया ।
 बाहर से आए मेहमानों  का चातुर्मास सेवा समिति के कूंथू कुमार गणपत और  कैलाश जैन के द्वारा सम्मान किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि पाश्र्वनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक के पावन अवसर पर भगवान पर निर्वाण लड्डू एवं  700  अर्थ चढ़ाये जाएंगे।  सुखाडिय़ा यूनिवर्सिटी के प्रभारी विभागाध्यक्ष जैन विद्या एवं प्राकृत विभाग के प्रभारी ज्योति बाबू शास्त्री ने बताया कि जैन सिद्धांतों की समसामयिकता विषय पर एक राष्ट्रीय व्याख्यान का आयोजन प्रोफेसर आई वी त्रिवेदी कुलपति सुखडिय़ा यूनिवर्सिटी की अध्यक्षता में कॉन्फ्रेंस हॉल कला महाविद्यालय में 2 अगस्त मंगलवार  को आयोजित किया जाएगा ।  प्रतिदिन प्रात: 8 से 9.30 रत्नाकरंडक  श्रावकाचार पर   मुनि श्री के द्वारा  वाचना कराई जा रही है ।

By Udaipurviews

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