उदयपुर। सार्वजनिक प्रन्यास मंदिर श्री महाकालेश्वर में प्रथम श्रावणी सोमवार के अवसर पर अनोखी छटा न्यौछावर करते हुए अभिजित वेला 12.15 बजे यहां रानी रोेड़ स्थित महाकालेश्वर मंदिर से मंदिर परिक्रमा पथ पर प्रभु महाकालेश्वर की निकली सवारी।
प्रन्यास सचिव चन्द्रशेखर दाधीच ने बताया कि इस अवसर पर भव्य एवं पारंपरिक धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए गए। सूर्याेदय पूर्व से ही शिवभक्त जल चढ़ाने पहूंचने लगे। भोले के सैकड़ों भक्तों ने प्रातः 10 बजे तक सभा मण्डप में स्थापित घट द्वारा जल अर्पण किया एवं शिव स्तुतियां की। बाद में श्रावण महोत्सव समिति के तत्वाधान में प्रातः 10ः30 बजे वैदिक मंत्रोचार के साथ महाकालेश्वर को सहस्त्रधारा जलाभिषेेेक व पंचामृत तथा विभिन्न पवित्र नदियांे से मंगवाए गए जल से अभिषेक कर महाकालेश्वर को भव्य श्रृंगार धराया गया।
प्रन्यास अध्यक्ष तेजसिंह सरूपरिया ने बताया कि प्रभु महाकालेश्वर के प्रतिकात्मक स्वरूप को रजत पालकी में विराजमान कर अभिजित वेला में 12.15 बजे सभामण्डप से भव्य शाही लवाजमें के साथ प्रभु महाकालेश्वर के सम्मुख दर्शनार्थ करा सवारी सभामण्डप से होती हुई मंदिर परिक्रमा पथ पर परिक्रमा कराई गई। हजारों शिवभक्त ओम नमः शिवाय के जाप के साथ सवारी में शामिल हुए। सवारी के आगे महिलाएं शिवभक्त व नृत्य करती चली। बीच बीच शिवभक्तों द्वारा भगवान महाकालेश्वर का झूला झुलाते सवारी पुन सभामण्डप पहुंची जहां प्रन्यास सचिव द्वारा भव्य आरती की गई। प्रभु महाकालेश्वर का भव्य श्रृंगार पुरूषोत्तम जीनगर व कमल चैहान द्वारा किया गया।
इस अवसर पर श्रावण महोत्सव समिति के संयोजक रमाकान्त अजारिया, प्रन्यास उपाध्यक्ष महिम दशोरा, ओम सोनी, राधेश्याम दाधीचव, विनोद कुमार शर्मा, शेषमल सोनी, महिपाल शर्मा, यतेन्द्र दाधीच, गोपाल लोहार, शंकर कुमावत आदि ने अपनी सेवाएं दी।