राजस्थान दिवस पर उदयपुर जिले ने किया नवाचार

जिला प्रशासन व टीएडी के साझे में श्री अन्न पोषण अभियान का हुआ शुभारंभ
उदयपुर 30 मार्च। राजस्थान दिवस के उपलक्ष्य में लाभार्थी उत्सव के तहत राज्य के उदयपुर जि़ले में नवाचार के तौर पर जि़ला प्रशासन व जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के तत्वावधान में ‘श्री अन्न पोषण अभियान’ की शुरुआत हुई। इसके तहत उदयपुर के पाँच पिछड़े ब्लॉक का चयन किया गया है,जिसमें पाँच पाँच पंचायतों के अंतर्गत आने वाले सभी आंगनबाड़ी केंद्र की गर्भवती एवं धात्री महिलायें तथा 6 वर्ष से कम आयु वाले सभी बच्चों  को उनके प्राप्त हो रहे पोषाहार के अलावा मिलेट के बने लड्डू, एनर्जी बार, नमकीन इत्यादि व्यंजन रोज़ खिलाया जाएगा।
पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा ने कहा कि प्रदेश के सभी वर्गों के लिए मुख्यमंत्री द्वारा विभिन कल्याणकारी योजनाओं व कार्यक्रमों का संचालन किया गया है, जिससे प्रदेश की स्थिति सुदृढ़ हुई है और राजस्थान सतत प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि सुपोषण के लिए मिलेट्स को प्रोत्साहित करने हेतु संचालित इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा ताकि सरकार की  मंशा के अनुरूप हर जरूरतमंद व्यक्ति इस अभियान से लाभान्वित हो और हमारे कृषकों की स्थिति भी सुदृढ़ बने।
संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट ने कहा कि यह अन्न पोषण मिलेट्स ईयर है। 6 साल से कम के बच्चे जो कुपोषित है और उन बच्चों को इस अभियान से लाभान्वित किया जाएगा। इनके साथ ही गर्भवती महिलाओं को भी लाभन्वित करते हुए सुपोषण् के लिए पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि उदयपुर संभाग में नवाचार प्रारंभ किया है। इसके तहत कुपोषित का सर्वे कर उनका चिह्नीकरण कर उन्हें पोषण सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने बताया कि ग्रामीण जनों को  मिलेट्स रेसिपी का प्रशिक्षण दिया जाएगा और दोबारा सर्वे होने के बाद अभियान की प्रभावी क्रियान्विति अन्य ब्लॉक्स में सुनिश्चित की जाएगी।
जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने बताया कि इस अभियान में माँ बाड़ी केंद्रो के बच्चों को भी शामिल किया गया है। कार्यक्रम की अवधि वर्तमान में 6 माह रखी गयी है, जिसके बाद माँ और बच्चों के पोषण में आए बदलाव को निरंतर रेकर्ड किया जाएगा । इस अभियान में 10 हजार लाभार्थियों को जोड़ा जाएगा।
अभियान की क्रियान्विति के लिए जयपुर से पहुंची वर्षा तनु ने बताया कि अभियान के क्रियान्वयन तथा शोध में जयपुर की आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी जि़ला प्रशासन को सहयोग करेगी। इसके तहत 500 से अधिक स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को मिलेट के विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने का प्रशिक्षण दे कर स्वरोज़गार के लिए प्रेरित किया जाएगा। यह प्रशिक्षण ताज फ़तहप्रकाश के अनुभवी टीम द्वारा महिलाओं को दिया जाएगा। 6 माह तक चलने वाले इस अभियान में 5 ब्लॉक के 10 हज़ार लाभार्थियों को लाभ मिलेगा। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य स्थानीय माइक्रो मिलेट्स को मुख्य धारा में लाकर प्रोत्साहित करना है।
आरंभ में अतिथियों ने इस अभियान के पोस्टर का विमोचन करते हुए अभियान का विधिवत शुभारंभ किया। गौरतलब है कि मोटे अनाज यानी मिलेट, जिसे अनेक अनुसंधानों के उपरांत एक पौष्टिकता की दृष्टि से सुपर फ़ूड का दर्जा मिला है,उसे लोकप्रिय बनाने का भारत का प्रयास विश्व भर में चर्चा में है। यही वजह है कि मार्च 2021 में इस सम्बंध में भारत के प्रस्ताव के बाद, 72 देशों के समर्थन के साथ संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय किया है। भारत अपने पारम्परिक तथा पौष्टिक मोटे अनाज के उपभोग को हर स्तर पर बढ़ावा देने का कार्य विभिन्न संगोष्टियों और कार्यक्रमों के माध्यम से निरंतर आगे बढ़ा रहा है। इस मौके पर अतिरिक्त संभागीय आयुक्त अंजलि राजौरिया, जिला परिषद सीईओ मयंक मनीष व कई जिला स्तरीय अधिकारी व जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

By Udaipurviews

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