जिला कलक्टर के नेतृत्व में जिला प्रशासन की ओर से गंगू कुंड पर श्रमदान

वन्दे गंगा जल संरक्षण जन अभियान
अधिकारियों, कर्मचारियों, स्वयंसेवकों, खिलाड़ियों व विद्यार्थियों ने दिखाया अपार उत्साह

उदयपुर, 14 जून। गंगू कुंड पर शनिवार प्रातःकाल विशेष चहल-पहल रही। जिले का प्रशासनिक कार्य करने वाले आला अधिकारियों के हाथ में बड़े-बड़े झाड़ू और साफ-सफाई के अन्य औजार थे। सभी ने जब झाड़ु बुहारना प्रारम्भ किया तो वहां उपस्थित आमजन भी उनके साथ जुट गए। अवसर था वंदे भारत जल संरक्षण जन अभियान के तहत जिला प्रशासन की ओर से आयोजित गंगू कुंड पर श्रमदान का।

जिला कलक्टर नमित मेहता ने कार्यक्रम की कमान स्वयं सम्भाली और अधीनस्थ अधिकारियों के लिए प्रेरणा बने। देखते ही देखते जिसे जहां कचरा और गंदगी दिखाई दी वह उसे साफ करने में जुट गया। कुंड के आस-पास स्थित छतरियों के बीच अटी-पड़ी गंदगी, दीवारों में उग आए पीपल के पौधे व झाड़ियां, कंकड़-पत्थर, कीचड़, गाद निकालने का कार्य किया जाने लगा। उपस्थित जिला स्तरीय अधिकारीगण एवं अन्य लोग जिला कलक्टर के कंधे से कंधा मिलाकर श्रमदान में जुट गए। करीब डेढ़ घंटे चले श्रमदान के दौरान सभी के माथे पर पसीनें की बूंदें टपक रही थीं लेकिन चेहरे पर उत्साह व अभियान में सहभागिता की संतुष्टि झलक रही थी। श्रमदान से परिसर से निकले कचरे को इकट्ठा कर निगम के कंटेनर्स में भरकर वहां से ले जाया गया। अभियान के तहत गंगू कुंड परिसर में जिला कलक्टर ने आम का पौधा भी रोपा।

श्रद्धालु लें नियमित सफाई की जिम्मेदारी : गंगू कुंड परिसर स्थित मंदिरों के पुजारियों ने जिला कलक्टर को अवगत कराया कि पूजा-पाठ एवं अन्य अनुष्ठानों के लिए आने वाले लोग परिसर में कचरा छोड़ जाते हैं। टोकने पर कुछ लोग कचरे का निस्तारण कर देते हैं लेकिन अधिकांश अनसुना कर देते हैं। इस पर जिला कलक्टर ने पुजारियों से कहा कि यहां नियमित आने वाले श्रद्धालुओं की एक टीम तैयार करें जो स्वेच्छा से परिसर को साफ रखने का बीड़ा उठाए। यहां आने वालों को अनुष्ठान पश्चात सफाई के लिए प्रेरित करने कार्य भी यह टीम करें। इससे न केवल परिसर साफ रहेगा बल्कि दूसरों के लिए प्रेरणा भी बनेगा। आमजन को जल संरक्षण व स्वच्छता के प्रति जागरूक करना ही वंदे गंगा अभियान का उद्देश्य है।

अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधि व समाजसेवी भी जुटे : पूर्व उप महापौर पारस सिंघवी भी जिला प्रशासन के इस श्रमदान कार्यक्रम में सम्मिलित हुए और श्रमदान किया। समाजसेवी गजपाल सिंह चौहान उनके कई कार्यकर्ताओं के साथ सम्मिलित हुए। उदयपुर विकास प्राधिकरण आयुक्त राहुल जैन, नगर निगम आयुक्त रामप्रकाश, जिला परिषद सीईओ रिया डाबी, दोनों एडीएम दीपेंद्र सिंह व वार सिंह, प्रशिक्षु आईएएस सृष्टि डबास सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों ने साफ-सफाई का कार्य किया। एसडीआरफ, सिविल डिफेंस (जिला क्विक रेस्पोंस टीम), हिंदुस्तान स्काउट-गाइड, भारत स्काउट-गाइड के स्वयंसेवक, खिलाड़ी, विद्यार्थी एवं बड़ी संख्या में आमजन जिला प्रशासन के इस श्रमदान कार्यक्रम के सहभागी बने।

‘‘वन्दे गंगा’’ जल संरक्षण जन अभियान के तहत सीएसआर कार्यशाला सम्पन्न
मादड़ी इंडस्ट्रियल एरिया स्थित यूसीसीआई सभागार में हुआ आयोजन
जल संरक्षण के लिए संवेदनशीलता और औद्योगिक भागीदारी पर दिया गया ज़ोर

उदयपुर, 14 जून। “वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान” के अंतर्गत शनिवार की मादड़ी इंडस्ट्रियल एरिया स्थित उदयपुर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (यूसीसीआई) सभागार में जिला स्तरीय सीएसआर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर नमित मेहता ने कहा कि उदयपुर की पहचान इसकी झीलों और जल-संस्कृति से है। यह विडंबना है कि हम अनावश्यक वस्तुओं को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन जीवन के सबसे आवश्यक तत्व पानी को नजरअंदाज करते हैं। हमें इसकी महत्ता को समझना होगा और हर व्यक्ति को इसके संरक्षण की दिशा में जागरूक करना होगा। उन्होनें उद्यमियों का आह्वान किया कि वे सीएसआर के माध्यम से जुड़कर वंदे गंगा अभियान में अपनी अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित कर जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, झीलों के संरक्षण एवं पुराने जल स्रोतों के संरक्षण एवं संवर्द्धन में अपना योगदान दें। उन्होने उपस्थित उद्यमियों को जल संरक्षण की शपथ भी दिलाई।

यूसीसीआई के अध्यक्ष मनीष गलुण्डिया ने प्रशासन को यह विश्वास दिलाया कि सभी उद्यमी वन्दे गंगा जल संरक्षण अभियान में राज्य सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर कार्य करेंगे। जिला उद्योग एवं वाणिज्य केंद्र के महाप्रबंधक शैलेन्द्र शर्मा ने उपस्थित सभी उद्यमियों एवं अधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यशाला में यूडीए आयुक्त राहुल जैन, प्रशिक्षु आईएएस सृष्टि डबास, निगम उपायुक्त दिनेश कुमार मण्डोवरा, उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स समिति अध्यक्ष कपिल सुराणा, लघु उद्योग भारती अध्यक्ष राजेन्द्र सुराणा, एसएसआई एसोसिएशन अध्यक्ष वाई.एस. सिंघवी एवं यूसीसीआई पूर्व अध्यक्ष एम.एल. लुणावत सहित कई अन्य उद्यमी उपस्थित रहे।

जल संरक्षण योजनाओं और तकनीकों पर प्रकाश डाला : कार्यशाला का प्रारम्भ मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के संदेश के प्रसारण के साथ हुआ। वाटरशेड विभाग के अधीक्षण अभियंता अतुल जैन ने विभाग की ओर से मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान 2.0 के तहत जल संरक्षण संरचनाओं, योजनाओं और गतिविधियों की जानकारी साझा की। भू-जल विभाग की नोडल अधिकारी मोनिका राठौड़ ने जल संरक्षण की विभिन्न पद्धतियों और उनके प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए जल के महत्व को रेखांकित किया। वाटर हार्वेस्टिंग एक्सपर्ट महेष गढ़वाल ने भूजल स्तर को बढ़ाने के उपायों की जानकारी दी। रीको के वरिष्ठ उपमहाप्रबंधक अजय पण्डया ने बताया कि रीको औद्योगिक क्षेत्र में 500 वर्ग मीटर के अधिक के भूखण्डों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्टर बनाया जाना अनिवार्य है। उन्होंने सभी उद्यमियों से फैक्ट्री में जल संचय के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की अपील की। जिला परिषद सीईओ रिया डाबी ने उद्यमियों से अपील की कि वे सीएसआर के माध्यम से इस अभियान से जुडे एवं इसका हिस्सा बनें। उदयपुर जिले में भूजल स्तर निरन्तर कम होता जा रहा है। नागरिक के रूप में यह हम सभी का कर्तव्य है कि हम जल संरक्षण अभियान में सहभागी बनें।

By Udaipurviews

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