दिव्यांगजन को देश की मुख्यधारा से जोड़ने का जिम्मा समाज का – प्रो. सारंगदेवोत

तीन दिवसीय सीआरई सेमीनार का हुआ आगाज
मेवाड़ की धरा त्याग,  तपस्या, समर्पण की – अनिल सिंह

उदयपुर 03 अप्रेल / जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के संघटक माणिक्यलाल वर्मा श्रमजीवी सायंकालीन महाविद्यालय के अन्तर्गत संचालित डिपार्टमेंट आॅफ रिहेबिलिटेशन साईंसेस की ओर से आयोजित तीन दिवसीय सीआरई कान्फे्रंस का आगाज बुधवार को महाविद्यालय के सभागार में कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत, समाजसेवी अनिल सिंह, भाजपा देहात जिलाध्यक्ष चन्द्रगुप्त सिंह चैहान, डाॅ. मधुश्री चैधरी, अधिष्ठाता डाॅ. एसबी नागर ने माॅ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्जवलित कर किया।
मुख्य अतिथि समाजसेवी अनिल सिंह – लखनऊ उत्तर प्रदेश ने कहा कि मेवाड़ धरा त्याग, तपस्या, शौर्य, समर्पण की रही है, यहाॅ के राजा महाराजाओं ने वंचित वर्ग के  शिक्षण दीक्षण के लिए अनेकों संस्थाओं की स्थापना की। विद्यापीठ द्वारा दिव्यांगजनोे के लिए शिक्षण दीक्षण का कार्य प्रारंभ करना एक अनुठी पहल है इससे अच्छी केाई सेवा हो नहीं सकती।
अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि दिव्यांगजन को देश की मुख्यधारा से जोड़नें का जिम्मा समाज का है। विशेष योग्यजन व्यक्तियों में बुद्धिमता बहुत तेज होती है , हमें उनकी साईकोलाॅजी व उनकी मानसिकता को समझनी होगी, उसके अनुसार हमें अपना कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि आगामी सत्र से विद्यापीठ विशेषजन के लिए पुनर्वास केन्द्र की स्थापना के साथ प्राथमिक कक्षा से विद्यालय की शुरूआत भी करेगा। 21 तरह की श्रेणियों को विशेषजन व्यक्ति के रूप में माना  गया है। संस्थापक जनुभाई ने आजादी के पूर्व वंचित वर्ग को देश की मुख्य धारा से जोड़ने के उद्देश्य से ही आजादी के 10 वर्ष पूर्व विद्यापीठ की स्थापना की।
प्रारंभ में अतिथियों का स्वगात करते हुए डाॅ. एसबी नागर ने बताया कि इस कार्यक्रम को रिहैबिलिटेशन कौन्सिल आॅफ इंडिया नई दिल्ली से मान्यता प्रदान की गई है जिसमें चार राज्यों के सरकारी व निजी सेवा में कार्यरत विशेष शिक्षा व पुनर्वास से जुड़े शिक्षक व पुनर्वासकर्मी भाग ले  रहे जो तीन दिनों तक सतत पुनर्वास शिक्षा कार्यक्रम की थीम, विविध सांस्कृतिक वातावरण में दिव्यांगजन का समावेश किस प्रकार अच्छी तरह किया जाये पर विभिन्न सत्रों में चर्चा होगी।
तीन दिनों तक विभिन्न तकनीकी सत्रों में विषय विशेषज्ञ डाॅ.़ मंजु चैधरी, डॉ. जितेंद्र जीनगर, डॉ. चन्द्रकला, सीमा , डॉ. सुनील कुमार , आशीष कुमार सिंह, डॉ. भावना, बलिराम , प्रजापति वसन्त भाई, श्रीठाकुर वर्मा , सुल्तान अपने विचार व्यक्त करेंगे। संचालन डाॅ. भावना देवी ने किया जबकि आभार डाॅ. बलिराम यादव ने जताया।
कार्यक्रम में डॉ. जयसिंह जोधा, डॉ. वीनस , डॉ. कीर्ति , डॉ. हितेश, डॉ. शिवांगी, नीलू वर्मा, डॉ. नेहा नागर,  तृप्ति त्रिपाठी, ममता शर्मा, इन्द्र लोहार सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।

By Udaipurviews

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