उदयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल रविवार को भीलवाड़ा में आयोजित हरित मेले में पहुंचे। मेले का अवलोकन करते हुए उन्होंने हरित मेले को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि यह परम्परा वैदिक काल से चली आ रही है। सीएम ने भीलवाड़ा में जनसुनवाई भी की।
सीएम ने कहा कि जंगल की अपनी व्यवस्था होती है, सभी जानवर उसी में रहते हैं और व्यवस्थाओं से चलते हैं। हम प्रकृति का सम्मान करेंगे तो हमारी आने वाली पीढ़ियां सुरक्षित रहेंगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान की पहचान रेगिस्तान के रूप में होती है लेकिन यदि हम पर्यावरण क्षेत्र में दो कदम बढ़ाएंगे तो यह पर्यावरण क्षेत्र में भी अग्रणी बन जाएगा। इसलिए हमें पेड़ लगाने होंगे और वृक्षों का संरक्षण करना होगा। इससे पहले सीएम का मेवाड़ी पगड़ी पहनाकर उनका अभिनंदन किया गया। यहां से सीएम हेलीकॉप्टर के जरिए कालियास पहुंचे तथा विकसित भारत संकल्प यात्रा का अवलोकन किया।
जनजागृति बताई जरूरी
मुख्यमंत्री भजनलाल कहा कि वैदिक काल से ही पर्यावरण और वृक्षों का संरक्षण आवश्यक रहा। ऋषि—मुनियों ने वृक्षों के नीचे ही तपस्या की थी। उन्होंने कहा, वृक्ष हमारे जीवन का हिस्सा हैं। वृक्ष और वनों का संरक्षण बेहद आवश्यक है। पर्यावरण संरक्षण में हरित संगम से जन—जन में जागृति आएगी।
इसके बाद टाउनहाल में आयोजित हरित संगम पर्यावरण संगोष्ठी को संबोधित करते हुए सीएम ने मां अमृता देवी के चरणों में प्रणाम करते हुए उनके 363 लोगों के साथ दिए बलिदान को भी याद किया।
गौरतलब है कि भीलवाड़ा आने पर सीएम के स्वागत के लिए भाजपा के प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रशांत मेवाड़ा सहित भाजपा और संघ के नेता तथा पदाधिकारी मौजूद थे।
सीएम भजनलाल बोले: वृक्ष और पर्यावरण संरक्षण हमारी पहली प्राथमिकता
