उदयपुर 12 जून। बालश्रम मुक्त समाज की स्थापना में हर एक व्यक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका है, हमें मिलकर इन बच्चों को इस दलदल से निकाल कर मुख्यधारा से जोड़ना होगा, 20 जून तक उदयपुर में बाल श्रमिकों के रेस्क्यू, पुनर्वास हेतु नियोक्ताओं के ख़िलाफ़ सख़्त कार्यवाही हेतु विशेष अभियान राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग भारत सरकार के निर्देशन में चलेगा। ये विचार उदयपुर ज़िला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने रविवार को शहर के रानी रोड स्थित राजीव गांधी गार्डन में विश्व बालश्रम निषेध दिवस के अवसर पर ज़िला प्रशासन एवं गायत्री सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित “बालश्रम मुक्त उदयपुर” अभियान के आग़ाज़ के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए।
20 जून तक बाल श्रम मुक्त उदयपुर अभियान
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य एवं राजस्थान बालश्रम प्रकोष्ठ के प्रभारी डॉ. शैलेंद्र पण्ड्या ने करते हुए बताया कि “बालश्रम मुक्त उदयपुर” अभियान 12 से 20 जून 2022 तक संचालित होगा जिसमें सरकारी एवं ग़ैर सरकारी संगठन मिलकर उदयपुर को पूर्ण रूप से बालश्रम मुक्त बनाने हेतु प्रयास करेंगे। इस दौरान आमजन को भी जागरुक करने विभिन्न गतिविधियों का संचालन शहर के मुख्य स्थलों पर किया जाएगा।
कुल पांच दल सप्ताह भर रहेंगे सक्रिय
डॉ. पण्ड्या ने बताया कि शहर में कुल 5 दल सक्रिय रहकर पूरे सप्ताह कार्य करेंगे। कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के रूप में ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कुलदीप शर्मा ने बाल श्रमिकों के पुनर्वास हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में संभागीय श्रम आयुक्त पी.पी शर्मा, सहायक निदेशक बाल अधिकारीता मीना शर्मा, सेव द गर्ल चाइल्ड की ब्रांड एम्बेसडर दिव्यानी कटारा, बाल कल्याण समिति के सदस्य एवं बाल सुरक्षा नेटवर्क के संयोजक ने भी विचार रखे। कार्यक्रम में युवाओं द्वारा गिटार, नाटक एवं संगीत के माध्यम से बालश्रम रोकने का संदेश दिया गया।
कार्यक्रम का संचालन गायत्री सेवा संस्थान के नितिन पालिवाल ने किया।