जिला कलक्टर सख्त, शुक्रवार को करेंगे विभिन्न गांवों का दौरा
उदयपुर, 18 अगस्त। राज्य सरकार के निर्देशानुसार उदयपुर जिले में पशुधन को लम्पी स्किन डिजीज से बचाने एवं सुरक्षा हेतु जिला कलक्टर ताराचंद मीणा के निर्देशन प्रशासन मुस्तैदी से जुटा हुआ है। जिला कलक्टर ताराचंद मीणा स्वयं लम्पी को लेकर पूरी तरह सतर्क व सख्त है और प्रशासनिक व विभागीय अधिकारियों से लगातार फीडबैक लेकर बेहतर उपचार मुहैया करवाने एवं पशुओं को बचाने के लिए अधिक से अधिक प्रभावी प्रयास करने को कहा है। कलेक्टर मीणा शुक्रवार को जिले के विभिन्न गांवों का दौरा करेंगे। कलेक्टर बड़गांव, गोगुंदा, कोटड़ा और झाड़ोल सहित अन्य इलाकों का दौरा करेंगे और फील्ड विजिट कर लंपी की स्थिति का जायजा लेंगे।
जिला व तहसील स्तर पर बनाए नियंत्रण कक्ष
राज्य सरकार के दिशा-निर्देशानुसार पशुपालन विभाग की पशु चिकित्सा संस्थानों द्वारा बेहतर उपचार मुहैया कराया जा रहा है। इस रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिये प्रत्येक तहसील स्तर पर नियंत्रण कक्ष बनाकर कुल 17 रेपिड रेस्पॉन्स टीमों का गठन किया गया है। इसके अतिरिक्त ग्राम स्तर सर्वे टीम का गठन कर समस्त पशुओं पर निगरानी करने का कार्य भी किया जा रहा है। जिला स्तर गठित नियंत्रण कक्ष के नंबर 0294-2940293 है जहां इस रोग के संबंध में जानकारी दी जा सकती है।
पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. भूपेन्द्र भारद्वाज ने बताया कि उदयपुर जिले के कुल 2541 गांवों में से मात्र 382 गांवों के पशु ही संक्रमित देखे गये है, जो कि कुल गांवों का 15 प्रतिशत है। इन संक्रमित गांवों में 514 पशु इस रोग से ग्रस्त मिले है। जिले में अब तक कुल 105 पशुओं की इस रोग से मृत्यु हुई है। डॉ. भारद्वाज ने बताया कि संक्रमण प्रभावित गांव मे संक्रमित पशुओं के लिये अलग स्थान का चयन कर वहां संक्रमित पशुओं को एकत्रित किया जाना नितान्त आवश्यक है एवं मृत पशुओं के लिये भी निस्तारण हेतु गांव से दूर स्थान का चयन कर वैज्ञानिक विधि से ही निस्तारण किया जाना चाहिए।
डॉ. भारद्वाज के अनुसार समय पर रोग का पता लगाना, रोग ग्रस्त पशु अलग करना, आवागमन का नियंत्रण करना एवं पशु का तुरन्त उपचार कर चिंचडो, मक्खियों, मच्छरों को नियंत्रण कर इस रोग से मुक्त किया जा सकता है। उदयपुर संभाग में संगोष्ठियों का आयोजन कर पशुपालकों को जागरूक किया जा रहा है। इस रोग से मुक्त होने के लिए जनसहभागिता का होना नितांत आवश्यक है।