विद्यापीठ में आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत ऑनलाइन क्विज़ का आयोजन
उदयपुर/ जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत ‘भारत का स्वतंत्रता संग्राम’ विषय पर हिन्दी भाषा में ऑनलाइन क्विज़ आयोजित किया गया। क्विज़ को प्रारम्भ करते हुए कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि अपनी मातृभाषा में आज़ादी के इतिहास की जानकारी आज के युवा के लिए एक बड़ी आवश्यकता है। आज से 75 सालों पूर्व 1947 में भारत में आम आदमी की सालाना कमाई 274 रुपये थी, पूरे देश में सिर्फ 3 लाख गाड़ियां थीं। कुल मिलाकर शिक्षा और अर्थव्यवस्था बदहाल थी। इसका कारण हमारी गुलामी थी, जिस समय हमें अपने ही देश में नौकरी नहीं मिलती थी, हम बड़े व्यवसायी नहीं बन सकते थे, खुल कर जी नहीं सकते थे। इनके अतिरिक्त भी अंग्रेजों ने कई बंधन लगा रखे थे, जिनका अनुभव भी आज हमें नहीं होता। आज़ादी का अमृत महोत्सव वह समय है जब हमें उन स्वतंत्रता सैनानियों के प्रति न केवल अपनी कृतज्ञता दर्शानी है बल्कि स्वतंत्रता का महत्व भी समझना है। यह ऑनलाइन क्विज़ इसी दिशा में एक कार्य है। इस तरह के कार्य न केवल भावनात्मक बल्कि संज्ञानात्मक विकास में भूमिका का निर्वहन करते हुए अंततः देश के मूल्य आधारित विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले नागरिकों को तैयार करने में सहायक होते हैं। इस क्विज़ के समन्वयक डॉ. चंद्रेश कुमार छ्तलानी ने बताया कि इसमें सम्पूर्ण देश से 1424 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें से 905 ने 75 प्रतिशत व अधिक अंक लाकर विशेष योग्यता प्राप्त की है तथा 80 प्रतिभागियों 100 प्रतिशत अंक हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रश्नोत्तरी में भारत के स्वतंत्रता सैनानियों तथा स्वतंत्रता संग्रामों के स्थल, उनके कारण, कार्यों व परिणामों के साथ अंग्रेजों के अन्यायों के विरुद्ध किए गए एतिहासिक कार्यों को सम्मिलित किया गया।
ज्ञातव्य हो कि आज़ादी के अमृत महोत्सव के उचित क्रियान्वयन हेतु विद्यापीठ ने कई अन्य योजनाएं भी बना रखी हैं, जिन्हें समय-समय पर आयोजित किया जाएगा। क्विज़ में सफल प्रतिभगियों को ई-प्रमाणपत्र वितरण की तैयारी प्रारम्भ कर ली गई है। इस कार्य में विकास डांगी ने भी सहयोग दिया।