धरियावद में भारतीय स्टेट बैंक द्वारा मेघा स्वंय सहायता समूह क्रेडिट केम्प का हुआ आयोजन
धरियावद/ भारतीय स्टेट बैंक क्षेत्रिय व्यवसाय कार्यालय चित्तोड़गढ़ के द्वारा एक दिवसीय मेघा स्वंय सहायता समूह क्रेडिट केम्प का आयोजन धरियावद के उदयपुर रोड़ स्थित प्रताप रिसोर्ट परिसर में समारोह पूर्वक उप महाप्रन्धक कुंवर दिनेश प्रतापसिंह तोमर के मुख्य आतिथ्य एवं सहायक महाप्रबन्धक अजय कुमार झा, उप प्रबन्धक अजय कुमार पंचोली, शाखा प्रबन्धक पीएल मीणा, राजीविका जिला परियोजना प्रबन्धक नेहा माथूर अतिथि थे। आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न शाखाओं द्वारा स्वीकृत स्वंय सहायता समूह एवं अन्य कृषि लोन का वितरण किया गया। स्वंय सहायता समूह के 101 ऋणियों को कुल 1 करोड़ 51 लाख रूपए, केसीसी के 24 ऋणियों को 87 लाख रूपए तथा ट्रेक्टर लॉन के तहत एक किसान को 4 लाख रूपए, एबीएल एरीकल्चर एसेट लॉन के तहत 2 ऋणियों को 15 लाख रूपए तथा एआईएफ लॉन के तहत 80 लाख रूपए का ऋण स्वीकृति पत्र के माध्यम से वितरण अतिथियों के द्वारा किया गया। स्थानीय शाखा प्रबन्धक पीएल मीणा एवं स्टाफ द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया। इस दौरान स्वंय सहायता समूह की 101 महिलाओं कार्यक्रम का अनुभव लेने हेतु भाग लिया।
आयोजित कार्यक्रम में उप महा प्रबन्धक कुंवर दिनेश प्रतापसिंह तोमर ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार की राजीविका योजना के तहत स्वंय सहायता की महिलाओं के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराकर सशक्त एवं स्वावलम्बी बनाकर प्रोत्साहित करना मुख्य उद्धेश्य है। आजीविका संवर्धन के साथ साथ अनेक योजनाओं के माध्यम से समूह को मजबुत कर नियमो की पालना के तहत बैंक द्वारा लॉन उपलब्ध कराकर उन्हे विभिन्न व्यवसाय से जोड़ने का लक्ष्य प्रतापगढ़ जिले के दूर दराज में जीवन व्याप्त कर रही महिलाओं को रोजगार से जोड़ा गया। उन्हे प्रति महिला को 60 हजार अथवा 12 महिलाओं के ग्रुप को संयुक्त रूप से 6 लाख रूपए का बैंक द्वारा ऋण राशि मुहाईया कराया जाता है।
सहायक महा प्रबन्धक अजय कुमार झा ने स्वंय सहायता महिलाओं को बैंक द्वारा सहायता राशि व उनके उपयोग आदि से अवगत कराया तथा कहा कि जो महिलाएं अच्छा कार्य करते हुएं स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही है उन्हे जरूरत के मुताबित अधिक राशि भी बैंक देने में पीछे नही रहेगा। राजीविका जिला परियोजना प्रबन्धक नेहा माथुर कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में वंचित महिलाओं को समूह से जोड़कर उन्हे रोजगार मुहाईया कराने की अपील की। महिलाओं को घर से बाहर निकलकर कलस्टर बनाए। उनके लिए हम पूरा सहयोग करने के लिए कटिबद्ध है। जिला मेनेजर राजीविका गिरधारीलाल ने कहा कि बैंक के सहयोग से आज 1 करोड़ 51 लाख रूपएं का महिलाओं को ऋण स्वीकृति पत्र वन टू वन हाथो हाथ दिए गए। यह पैसा समूह के खाते में सीधा ही जाएगा।
स्थानीय शाखा प्रबन्धक पीएल मीणा ने कहा कि प्रत्येक महिला समूह के सदस्य के लिए कोई भी समस्या हो तो बैंक आपके सहयोग के लिए तैयार है। केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं के माध्यम से भारतीय स्टेट बैंक राजीविका की महिला समूह को ज्यादा से ज्यादा रोजगार के लिए नियमानुसार लॉन उपलब्ध कराया जाएगा। स्वंय सहायता समूह की मुखिया सीमादेवी अरनोद एवं मीनाक्षी रेदास सहित महिलाओं ने मंच पर आकर योजना एवं कार्य पद्धति के बारे में जानकारी दी। इस दौरान ब्लॉक परियोजना प्रबन्धक घनश्याम लोधा भी उपस्थित थे।