उदयपुर । हिन्दुस्तान जिंक कर्मचारी कल्याण फेडरेशन उदयपुर के अध्यक्ष के.के.शर्मा के संयुक्त नेतृत्व में हिन्दुस्तान जिक (राजकीय उपक्रम) बचे हुए शेयर 29.5 प्रतिशत को नही बेचने एवं हिन्दुस्तान जिंक कर्मचारी कल्याण फैडरेशन के 3.5 प्रतिशत कर्मचारियों को दिलाने बाबत् महामहिम राष्ट्रपति के नाम श्रीमान् जिला कलेक्टर महोदय जी, उदयपुर (राज.) को ज्ञापन सौपा गया।
ज्ञापन में बताया गया कि हिन्दुस्तान जिंक हमेशा से ही शुद्ध अरबो रूपये का मुनाफा देने वला भारत सरकार का अग्रणी राजकीय उपक्रम है, जिसको पूर्व में भी भाजपा सरकार द्वारा औने पौने दामों में वेदांता ग्रुप को बेच दिया था जबकि उस जिंक के कई प्लान्ट चालु थे, जिसका बाद में वेदांता ग्रुप ने उक्त कंपनी के मात्र स्क्रेप को बेचकर समस्त रूपया वसुल लिया था जबकि हिन्दुस्तान जिंक आज भी अरबो रूपये सालाना प्रोफिट में रहने वाली कंपनी है, उक्त कंपनी आज तक कभी भी घाटे में नही रही है। उसी क्रम को आज पुनः भाजपा सरकार उक्त भारी लाभंाश वाली हिन्दुस्तान जिंक को औने पौने दामो में बेचने को उतारू है। अतः मान्यवर जी से निवेदन है कि हिन्दुस्तान के शेष बचे 29.5 प्रतिशत को नही बेचे जाये । ज्ञापन बताया कि पूर्व में भारत सरकार ने इस उद्योग के कर्मचारियों के लिये 5 प्रतिशत शेयर देने की घोषणा की उसमें भी हिन्दुस्तान जिंक के अधिकारियों ने इसका नोटिफिकेशन सही तरीके से प्रकाशित नहंी किया न ही कर्मचारियों को समझाया गया कि आप शेयर खरीद सकते है । अधिकारियों ने अपने चाटुकारों को गुप चुप तरीके से 1.5 प्रतिशत शेयर देकर 3.5 प्रतिशत पुनः खान मंत्रालय को भेज दिये जो आज भी खान मंत्रालय के पास कर्मचारियों के हिस्से के बचे शेयर पडे है, जिससे सेवानिवृत्त, वी.आर.एस. कार्यरत कर्मचारियों को उपरोक्त शेयर दिलाने के लिये हिन्दुस्तान जिंक कर्मचारी कल्याण फैडरेशन पिछले कई वर्षो से लगतार संघर्षशील है। अतः हिन्दुस्तान जिंक कर्मचारी कल्याण फेडरेशन उदयपुर के 3.5 प्रतिशत शेयर पर सेवानिवृत्त, वी.आर.एस. कार्यरत कर्मचारियों का अधिकार आज भी जिन्दा है जिन्हें उक्त शेयर दिलाने के आदेश प्रदान करावें ।
इस अवसर पर ज्ञापन प्रस्तुत करने वालो में फैडरेशन के अध्यक्ष के.के.शर्मा, शहर जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष रियाज हुसैन, राजीव बिग्रेड के जिलाध्यक्ष भारत रामानुज, जमाल मोहम्मद, इजहार हुसैन, आरिफ मोहम्मद, शब्बीर खान सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे ।