बाल अधिकारों के संरक्षण में युवाओं की अहम भूमिका-निराला

दो दिवसीय संभाग स्तरीय बाल संरक्षण प्रशिक्षण का आगाज
उदयपुर, 26 मई। बाल संदर्भ केंद्र, जयपुर एवं नेहरू युवा केंद्र यूनिसेफ, गायत्री सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में उदयपुर संभाग मुख्यालय पर स्थित हरिश्चन्द्र माथुर राजस्थान राज्य लोक प्रशासन संस्थान में आयोजित 2 दिवसीय संभाग स्तरीय “बाल संरक्षण में युवाओं की भूमिका” आमुखीकरण कार्यक्रम का शुभारंभ गुरुवार को हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अंतर्राष्ट्रीय संस्था यूनिसेफ के बाल संरक्षण विशेषज्ञ संजय कुमार निराला ने कहा कि बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए लागू अधिनियम, नियम एवं योजनाओं को जरूरतमंद तक पहुचाने में  युवाओं की भूमिका को अहम बताया। उन्होंने युवाओं के माध्यम से बाल मित्र समाज की स्थापना हेतु प्रयास करने के साथ योजना बनाकर कार्य करने को कहा।
कार्यक्रम के अध्यक्ष राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ. शैलेन्द्र पंड्या ने बाल अधिकारों संरक्षण से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी व किशोर न्याय अधिनियम 2015 के विभिन्न प्रावधानों से प्रतिभागियों को अवगत करवाया। विशिष्ट अतिथि नेहरू युवा केंद्र राजस्थान के निदेशक पवन अमरावत ने युवाओं की समाज सेवा एवं बाल अधिकारों के संरक्षण में भूमिका पर प्रकाश डालते हुए प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं से अपने युवा क्लब के अन्य साथियों को भी जाने के बाद जागरूक करने की अपील की। मुख्य वक्ता अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायालय न्यायाधीश, भीलवाड़ा महेंद्र कुमार दवे ने बालकों के विरुद्ध होने वाले लैंगिक अपराधों पर चर्चा करते हुए पोक्सो अधिनियम 2012 की विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम में यूनिसेफ सलाहकार सिन्धु बिनुजीत, बाल अधिकार विशेषज्ञ गोविन्द बेनीवाल, बाल संदर्भ केंद्र के प्रतिनिधि राजकुमार पालीवाल, गायत्री सेवा संस्थान के समन्वयक नितिन पालीवाल ने भी प्रतिभागियों को जानकारी दी। दो दिवसीय संभाग स्तरीय आमुखीकरण प्रशिक्षण में उदयपुर संभाग के सभी 6 जिलों से 100 से अधिक सक्रिय युवा कार्यकर्ताओं द्वारा भागीदारी की गई। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य युवाओं में बालकों के संरक्षण हेतु सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों, सम्बंधित नियम और बाल संरक्षण में युवाओं की भूमिका पर चर्चा करना है।

By Udaipurviews

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